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हैम्बर्ग में छोटी हो जाएगी टैक्सी

९ नवम्बर २०१०

जर्मन शहर हैम्बर्ग दुनिया का पहला शहर है जिसने पर्यावरण के अनुकूल चलने वाली टैक्सियां शुरू की हैं. ये टैक्सियां बिजली या फिर प्राकृतिक गैस पर चलती हैं.

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तस्वीर: AP

जर्मनी में मजाक में लोग कहते हैं, "अगर मुझे मर्सीडीज में जाना हो, तो मैं टैक्सी बुला लूंगा." यहां की टैक्सियां जर्मन कंपनी डाइमलर बेंज की मर्सीडीज होती हैं. मर्सीडीज में जहां स्टाइल है, वहीं कार्बन उत्सर्जन ने जर्मन सरकार की नाक में दम कर रखा है. और जर्मनी विश्व में सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करने वाले देशों में से है.

वहीं, बिजली या गैस पर चलने वाली गाड़ियां आम गाड़ियों के मुकाबले पर्यावरण को कम प्रदूषित करती हैं. हैम्बर्ग नगर प्रशासन के नए कार्यक्रम के तहत, टैक्सी कंपनियां जो साबित कर सकती हैं कि उनकी गाड़ियां कम खतरनाक गैसें उत्सर्जित करती हैं, वे अपने कारों को ईको टैक्सी का नाम दे सकती हैं. हैम्बर्ग के अधिकारियों ने कहा है कि ईको टैक्सियों में 130 टैक्सियां सोमवार से सड़कों पर निकलेंगी. हर साल किसी भी साधारण टैक्सी के मुकाबले ये गाड़ियां 3.6 टन कम गैसें निकालती हैं.

Taxistreik vor dem Brandenburger Tor in Berlin Flash-Galerie
तस्वीर: AP

हैम्बर्ग को अगले साल के लिए जर्मनी के पर्यावरण शहर के तौर पर नामांकित किया गया है. इस सिलसिले में शहर के टैक्सी यूनियन के पास पर्यावरण को सुधारने के लिए कुछ और अच्छी तरकीब हैं. हैम्बर्ग में हर साल एक करोड़ छह लाख टैक्सियां लोगों को लाती ले जाती हैं. अधिकारियों के मुताबिक इनमें से लगभग 50 प्रतिशत में केवल एक या दो यात्री होते हैं. इसलिए अब छोटी टैक्सियों के जरिए इस मसले का हल किया जा सकेगा. बड़ी गाड़ियों के मुकाबले छोटी गाड़ियां कम कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ती हैं.

टैक्सी हैम्बर्ग कंपनी के गुएंथर मोएलर कहते हैं, "हम एक साफ संकेत देना चाहते हैं कि हैम्बर्ग में टैक्सी यूनियन अपने आप को बदलते बाजार के मुताबिक बदल सकती है और पर्यावरण और अर्थव्यवस्था में सुधार ला सकती है."

शहर नवंबर के अंत तक इस कार्यक्रम को अनुमति दे देगा. इसके लिए 200 टैक्सियां लगाई जाएंगी. हालांकि पहले चरण में कितनी टैक्सियों का इस्तेमाल किया जाएगा, वह कंपनियों के मालिक खुद फैसला करेंगे. टैक्सियों का किराया भी आम मर्सीडीज टैक्सियों से 15 प्रतिशत कम रहेगा. और अगले दो साल में इनकी जगह बिजली की कारें ले लेंगीं.

'स्मार्टैक्स' नाम की कंपनी ने अपनी तरह की छोटी और पर्यावरण का ख्याल रखने वाली टैक्सी बनाई है. इनका कहना है कि अगर ज्यादातर टैक्सियों में सवारी एक होती है, तो स्मार्टैक्स एक 'स्मार्ट' कंपनी के लिए सही 'टैक्सी' है. दोनों शब्दों को मिला कर इसका नाम स्मार्टैक्स रखा गया है. स्मार्टैक्स के प्रमुख फ्रीडरिश श्वार्त्स कहते हैं कि अब उनकी कंपनी टैक्सी के लिए लाइसेंस लेने वालों की खोज में लगी हुई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः वी कुमार

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