"हिलेरी और ट्रंप के बीच नफरत भरी बहस"
१० अक्टूबर २०१६नारीविरोधी माचो की छवि दिखाने वाले वीडियो पर ट्रंप कैसी प्रतिक्रिया देंगे? और जब विरोधी, हिलेरी क्लिंटन को उनके पति द्वारा किये गए यौन अतिक्रमण का जिम्मेदार ठहरायेंगे तो वह क्या करेंगी.
लड़ाई तो बहस की शुरुआती सीटी बजने से पहले ही शुरू हो चुकी थी. एक घंटे पहले ट्रंप ने एक लाइव ब्रॉडकास्ट किया जिसे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बदल दिया. इस दौरान चार महिलाएं उनके समर्थन की अपील कर रही थीं, इनमें से तीन ने बिल क्लिंटन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था.
इसमें कोई शक नहीं कि ये हिलेरी क्लिंटन पर औचक हमला था. आखिरी पलों में उन्हें गड़बड़ाने के लिए यह किया गया. इस तरह बीते शुक्रवार से जारी भारी नुकसान को ट्रंप ने कम करने की कोशिश की.
दोनों उम्मीदवारों के जीवनसाथी जिस तरह से आयोजन स्थल पर आए वो भी डरावना अनुभव रहा. हाथ मिलाने के औपचारिक अभिवादन में भी उनका गुस्सा टीवी पर साथ दिखाई पड़ा.
शाम, अपमान और नफरत से भरी रही. चेहरे के भाव और बॉडी लैग्वेंज से भी साफ पता चल रहा था कि दोनों एक दूसरे को किस हद तक नापसंद करते हैं. लाखों लोगों को लग रहा था कि दोनों एक दूसरे पर जुबानी हमले करेंगे लेकिन दोनों ने खुद को नियंत्रित किया.
कई दशक लंबे करियर में हिलेरी के सामने कई ऐसे मौके आए जब गजब के अनुशासन की जरूरत पड़ी. वह जानती थीं कि बहस के जरिये उन्हें मुद्दों पर आधारित अपना एजेंडा पेश करना है. लेकिन उन्होंने कभी अपने समर्थकों या उलझन में पड़े वोटरों को यह बताने की कोशिश नहीं की कि वे अगर वह व्हाइट हाउस पहुंचीं तो उनकी राजनीतिक योजनाएं क्या होंगी.
दूसरी बहस में क्लिंटन की साफ जीत बहुत हद तक ट्रंप के दुर्व्यवहार करने पर टिकी थी. और यही नहीं हुआ. ट्रंप ने एक भी सवाल का एक जैसा जवाब नहीं दिया, वह वास्तविक योजना के दायरे में अपने वादों को मजबूती से नहीं रख पाए. लेकिन उनके पक्के समर्थकों को इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. ट्रंप और उनके पक्के समर्थक हिलेरी क्लिंटन से नफरत साझा करते हैं. और इसमें भी कोई शक नहीं कि वे ट्रंप के ऐसे बयान पर खुश होते हैं कि वह राष्ट्रपति बने तो हिलेरी क्लिंटन को जेल भेज देंगे. ट्रंप की कई रैलियों में ऐसी असंख्य टीशर्ट्स दिखती हैं जिनमें साफ संदेश होता है: जेल के लिए हिलेरी.
लेकिन जब उलझन से भरे वोटरों और स्वतंत्र वोटरों की बात आई तो ट्रंप पीछे रह गए. अजीब से हो चुके इस चुनावों में यही मतदाताआ निर्णायक होंगे. संभव है कि क्लिंटन उन्हें अपनी साफ बातों और गर्मजोशी वाले अंदाज से जीत लें.
लेकिन यह साफ जीत नहीं है. यह तमाशा जारी रहेगा. बहस वाली शाम से एक ही एक अच्छी खबर निकली और वह ये कि 8 नवंबर का दिन और करीब आ चुका है, जब लोग वोट डालेंगे.
(हिलेरी क्लिंटन की जिंदगी के 15 तूफान)