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हाफिज सईद की पार्टी पर बैन की मांग

२९ सितम्बर २०१७

पाकिस्तान सरकार ने चुनाव आयोग से मिल्ली मुस्लिम लीग की राजनीतिक पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग की. मिल्ली मुस्लिम लीग आतंकवादी हाफिज सईद की पार्टी है.

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Milli Muslim League Pakistan
तस्वीर: Getty Images/AFP/R. Tabassum

पाकिस्तान में आंतरिक मंत्रालय ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर सिफारिश की है कि उसे मिली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के आधिकारिक पार्टी बनाने के आवेदन को रद्द कर देना चाहिए क्योंकि पार्टी का संबंध लश्कर ए तयेबा (एलईटी) के साथ हैं. इस आतंकवादी समूह को 2008 भारत के मुंबई हमलों के लिए दोषी ठहराया, जिसमें 166 लोग मारे गए थे.

मंत्रालय ने दो पन्नों के इस पत्र में लिखा कि, "मिल्ली मुस्लिम लीग का पंजीकरण समर्थित नहीं है."

एमएमएल के एक प्रवक्ता, तबिश कय्यम ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय का पत्र गैरकानूनी था. उन्होंने कहा, "एमएमएल एक बस या ट्रक नहीं है, जिसकी पंजीकरण की आवश्यकता है". उन्होंने यह भी कहा कि एमएमएल का किसी भी प्रतिबंधित आतंकवादी समूह के साथ संबंध नहीं है.

हाफिज सईद ने अपने संगठन जमात-उद-दवा की ओर से पाकिस्तान के चुनाव आयोग को 'मिल्ली मुस्लिम लीग' के नाम की राजनीति पार्टी को मान्यता देने की अर्जी दी थी. आवेदन के बाद सईद ने पार्टी गठन की घोषणा की है.

आंतरिक मंत्रालय ने यह पत्र उस वक्त लिखा जब 17 सितंबर को लाहौर में संसदीय उपचुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग ने 5 प्रतिशत वोट जीतकर हलचल पैदा की.

लाहौर उप चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग का एक ऐसा उम्मदवार भी शामिल था जिसका संबंध ऐसे गुटों से था, जिसकी स्थापना मुमताज कादरी का समर्थन करने के लिए की गई थी. कादरी पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर का सुरक्षा कर्मी था. 2011 में कादरी ने तासीर को गोली मार दी, क्योंकि वह ईशनिंदा कानून में संशोधन की अपील कर रहे थे. कादरी को गिरफ्तार कर लिया गया और फिर उसे हत्या का दोषी पाया गया और 2016 में उसे फांसी पर लटका दिया गया.

पाकिस्तान में आम चुनावों और मिल्ली मुस्लिम लीग को लेकर चर्चा जोरों पर है. 2018 में होने वाले आम चुनावों को कुछ महीने ही रह गए हैं. सईद पाकिस्तान में करीब 6 महीने से नजरबंद है. हाफिज सईद को अमेरिका की चेतावनी के बाद 31 जनवरी को तीन महीने के लिए नजरबंद कर दिया गया था. अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. अमेरिका ने पाकिस्तान को प्रतिबंधित आतंकी समूह जमात उद दावा और सईद पर कार्रवाई न करने की स्थिति में प्रतिबंधों की धमकी दी थी. बाद में उसकी नजरबंदी तीन महीने के लिए और बढ़ा दी गई. 6 महीने पूरे होने पर पंजाब सरकार ने उसकी नजरबंदी को एक अगस्त को 2 महीने के लिए और बढ़ाया दिया.

एसएस/ओएसजे (रॉयटर्स)