हांगकांग का विवादित इतिहास
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे सौंपना और वापसी करार देता है जबकि चीन के लोग इसे एकीकरण कहते हैं. नाम कुछ भी दें पर हुआ यह कि 30 जून 1997 को हांगकांग पर से 150 साल पुरानी ब्रिटिश हुकूमत खत्म हो गयी थी.
टाइम ट्रैवल
1997 के उस ऐतिहासिक दिन के बाद 20 साल बीत चुके हैं. कलाकारों ने ब्रिटिश शासकों की त्यागी गयीं इमारतों और बैरकों की तस्वीरें लीं और इस तरह हांगकांग के उस औपनिवेशिक काल की यादें सामने रखी हैं.
खंडहरों के बीच
जर्जर हाल में पड़ी ये इमारतें कभी ब्रिटिश सैनिकों का ठिकाना हुआ करती थीं. अब यहां शांति है, खाली कमरे और खिड़कियों के टूटे शीशे उस काल की याद दिलाने के लिए वैसे ही रखे गये हैं.
गुमशुदा कोने
औपनिवेशिक काल की स्मृतियों को तलाशते हुए यहां पहुंचें तो बैरकों के गहरे अंधेरे कोने भी मिलेंगे. कई फोटोग्राफर समय समय पर हांगकांग के ऐसे गुमशुदा ठिकानों को खोजते हुए पहुंचते हैं.
टोपियां और मुखौटे
औपनिवेशिक काल के घरों, मिलिट्री प्रॉपर्टीज और सार्वजनिक इमारतों का ज्यादातर हिस्सा निषेधित है. लेकिन हांगकांग प्रशासन की रोक टोक से बचने के लिए कई युवा कलाकार ऐसी टोपियों और मुखौटों से अपने चेहरे छुपाते हैं.
शहर के केंद्र में
सेंट जॉन कैथीड्रल जैसी 1,000 से भी अधिक ऐतिहासिक इमारतें हांगकांग के केंद्र में मौजूद हैं. केवल 114 ही संरक्षित इमारतें हैं और इनमें भी कुछ को ही असल में संरक्षित किया गया है. एक्टिविस्ट इन पर ध्यान देने की मांग करते हैं.
अनोखी विरासत
गगनचुंबी इमारतों की छाया में बसी ऐसी औपनिवेशिक काल की इमारतें धीरे धीरे विघटित हो रही हैं. संप्रभुता के 20 सालों में यह हाल हुआ है और एक्टिविस्ट चिंतित हैं कि अगले 20 सालों में यहां क्या बचेगा.
छपा हुआ इतिहास
कई बार इन खंडहरों में कलाकारों को औपनिवेशिक काल के खास दस्तावेज मिलते हैं. जैसे सन 1982 का एक अखबार, जिसमें कम्युनिस्ट चीन और राज कर रही ब्रिटिश राजशाही के कठिन संबंधों की झलक मिलती है.
धुंधली पड़ती चमक
1842 से 1898 के बीच तीन संधियों के जरिए ब्रिटेन के कब्जे में आया हांगकांग और उसके आस पास का इलाका करीब डेढ़ सौ सालों तक अंग्रेजी राज के अधीन रहा. उस काल की याद दिलाती ऐसी 50 इमारतें अब तक तस्वीरों में कैद की जा चुकी हैं. (आरपी/एके)