हरियाणा में हिंसक हुआ जाट आंदोलन
१९ फ़रवरी २०१६इस तरह के प्रदर्शनों के दौरान पहले भी देखा गया है कि व्हॉट्सऐप या एसएमएस के जरिए हिंसा फैलाने वाले संदेश भेजे जाते हैं. इस बार भी अफवाहों के चलते स्थिति और गंभीर ना हो जाए, इसलिए एहतियातन हरियाणा में प्रशासन ने इंटरनेट और एसएमएस सेवा पर रोक लगाने का फैसला किया है.
रोहतक के एसपी शशांक आनंद ने इस बात की पुष्टि की है और कहा है कि जब तक नए आदेश नहीं आ जाते, तब तक रोक लगी रहेगी. उन्होंने कहा, "यह फैसला इलाके में न्याय और कानून की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लिया गया है." हालांकि फोन सेवा को नहीं रोका गया है.
जाट समुदाय के लोगों की मांग है कि उन्हें ओबीसी कोटे के अंतर्गत शामिल किया जाए और सरकारी नौकरी तथा शिक्षा संस्थानों में उन्हें इसका लाभ दिया जाए. इस मुद्दे पर कुछ समय से जाट नेताओं की सरकार के साथ बातचीत चल रही थी.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जाट समुदाय में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण को 10 से 20 फीसदी तक बढ़ाने का सुझाव भी दिया लेकिन आंदोलनकारियों ने इसे मानने से इंकार कर दिया और सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किए.
हरियाणा का रोहतक और झज्जर इलाका इनसे सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. इनके अलावा भिवानी, सोनीपत और हिसार में हिंसा फैली है. प्रदर्शनकारियों ने जगह जगह वाहनों को आग लगाई. इसे देखते हुए हरियाणा रोडवेज ने कई रास्तों पर बस सेवा रोक दी है. सड़क पर यातायात तो बुरी तरह प्रभावित हुआ ही है, साथ ही रेल सेवाओं पर भी इसका असर पड़ता नजर आ रहा है.
प्रदर्शनकारियों ने जगह जगह रेल की पटरियों पर बैठ कर भी धरना दिया. पानीपत में भी सड़कों को जाम किया गया है जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश की ओर जाना मुश्किल हो गया है. हालात को देखते हुए रोहतक में कर्फ्यू लगाया गया है. पांच या उससे अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक है.
जाट नेताओं का कहना है कि प्रदर्शन तब तक जारी रहेंगे, जब तक हरियाणा सरकार जाट आरक्षण को स्वीकृति नहीं दे देती. इसे देखते हुए एमएल खट्टर ने शुक्रवार एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें समस्या के समाधान पर चर्चा की जा रही है.
आईबी, एमजे (पीटीआई)