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हरिद्वार में भगदड़, 16 की मौत

८ नवम्बर २०११

हरिद्वार में हुई एक भगदड़ के दौरान कम से कम 16 लोग मारे गए और 40 जख्मी हुए हैं. गंगा के किनारे शांतिकुंज आश्रम के एक आयोजन के दौरान मंगलवार को मुख्य समारोह स्थल के एक गेट पर भगदड़ मची.

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तस्वीर: UNI India

वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हरवीर सिहं ने बताया, "हम पुष्टि कर सकते हैं कि भगदड़ में 16 लोगों की जानें गई हैं जिनमें 14 महिलाएं और दो पुरूष हैं." उन्होंने कहा कि भगदड़ उस समय हुई जब कुछ श्रद्धालुओं ने गायत्री परिवार के धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लेने की जल्दी की. मामले की जांच शुरू कर चुकी पुलिस का कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि घायलों में कइयों की हालत गंभीर है.

आयोजन कराने वाले गायत्री परिवार का कहना है कि पांच दिन तक चलने वाले कार्यक्रम में लगभग दो लाख लोग हिस्सा ले रहे हैं. यह कार्यक्रम गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में हो रहा है.

गायत्री परिवार के मीडिया प्रभारी हेमंत साहू ने बताया कि दसियों हजारों हिंदू श्रद्धालु शांतिकुंज आश्रम में प्रज्ज्वलित अग्नि में भेंट देने के लिए उमड़ पड़े. वह बताते हैं, "जब बड़ा अनुष्ठान हो रहा था तो बहुत सारे लोग पवित्र अग्नि की तरफ आने लगे और भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई. कुछ लोग गिर गए और फिर यह हो गया. हमें लगता है कि मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है."

उत्तराखंड पुलिस प्रमुख ज्योति स्वरूप पांडे का कहना है कि आयोजन में हिस्सा लेने के लिए 50 हजार लोग जमा थे और बहुत सारे लोग एक साथ अग्नि वाली जगह पर पहुंचना चाहते थे. वह कहते हैं, "नतीजा यह हुआ कि वहां घुटन हो गई और उसके बाद भगदड़." उन्होंने बताया कि पांच दिन तक चलने वाले इस आयोजन छोटा कर दिया गया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

भारत में धार्मिक आयोजनों के दौरान अकसर भगदड़ की घटनाएं होती रहती हैं. इस साल जनवरी में दक्षिणी राज्य केरल के सबरीमाला में हुई भगदड़ में 104 लोग मारे गए. भगदड़ की घटनाएं अकसर बम धमाके की अफवाहों, दीवार गिरने या कार दुर्घटनाओं की वजह से होती रही हैं. पिछले साल मार्च में उत्तर प्रदेश में एक हिंदू मंदिर के बाहर भगदड़ में 63 लोग मारे गए. मरने वालों में सभी महिला और बच्चे थे. पुलिस ने इसके लिए लचर सुरक्षा को जिम्मेदार ठहराया. अक्टूबर 2010 में बिहार के एक मंदिर में भगदड़ में कम से कम 10 लोग मारे गए. हाल के सालों में भगदड़ का सबसे गंभीर मामला अक्टूबर 2008 में जोधपुर के मशहूर मेहरानगढ़ किले में देखने को मिला जब मंदिर के पास भगदड़ में लगभग 220 लोग मारे गए.

रिपोर्ट: एएफपी, पीटीआई, डीपीए/ए कुमार

संपादन: ओ सिंह

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