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समाज

"हम सिर्फ मौतों को गिन रहे हैं"

१७ मई २०१८

वेनेजुएला की राजधानी काराकस में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल के ज्यादातर कमरे बंद हैं. ना पानी है और न ही मशीनें चल रही हैं. ऑपरेशन थिएटर ठप हैं. और बच्चे दम तोड़ रहे हैं.

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Brasilien Flüchtlinge aus Venezuela
तस्वीर: Reuters/N. Doce

जेएम जे लो रियोस अस्पताल को वेनेजुएला में बच्चों के सबसे अच्छे अस्पतालों में गिना जाता है. लेकिन उसके एक वॉर्ड के दरवाजे पर चिपके एक पर्चे पर लिखा है, "पानी की कमी के कारण इसे बंद कर दिया है." योलैदा बारोन और फ्रांसिस्को कोंस्टांट वेटिंग रूम में बैठे हुए हैं. उनका बेटा ऑपरेशन के लिए छह हफ्तों से इंतजार कर रहा है. उसके मस्तिष्क में तरल जमा हो गया.

अक्टूबर 2017 में उसके जन्म के कुछ दिनों बाद ही इस बीमारी का पता चला. कोंस्टांट बताते हैं कि उनके बेटे के ऑपरेशन को बार बार टाला जा रहा है. दवाओं की कमी और अन्य समस्याओं की वजह से ऐसा हो रहा है. वह बताते हैं, "पहले पानी नहीं था. फिर लिफ्ट काम नहीं कर रही थी. इसके बाद ऑपरेशन थिएटर ने काम करना बंद कर दिया."

जो हाल आज जेएम जे लो रियोस अस्पताल का है, कुछ वैसी ही हालत में तेल संपदा से मालामाल वेनेजुएला भी है. बरसों के कुप्रबंधन और काफी समय तक तेल के दामों में लगातार गिरावट के चलते आज वेनेजुएला आर्थिक रूप से ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गया है. मुद्रास्फीति पांच अंकों में पहुंच चुकी है, जिसके कारण देश में खाना, दवाओं और दूसरी अहम चीजों की किल्लत हो गई है. बहुत सारे डॉक्टर देश को छोड़ कर चले गए हैं.

Venezuela Gesundheitssystem
तस्वीर: Getty Images/AFP/F. Parra

जेएम जे लो रियोस अस्पताल अभी सिर्फ 120 मरीजों को संभाल सकता है जबकि वहां 420 बेड मौजूद हैं. अस्पताल में एक्सरे उपकरणों के दो सेट हैं जिनमें से एक भी काम नहीं कर रहा है. 30 साल से इस अस्पताल में काम करने वाले हुनादेस उरबिना का कहना है कि 2013 से उन्हें पोर्टेबल एक्सरे मशीन इस्तेमाल करनी पड़ रही है. उरबिना का कहना है कि उन्हें 85 प्रतिशत तक दवाओं की किल्लत झेलनी पड़ रही है.

उनके मुताबिक जब उन्होंने इन परिस्थितियों की आलोचना की तो उन्हें समय से पहले ही रिटायर कर दिया गया. बावजूद इसके वह अब भी अस्पताल जाते हैं. वहीं कई लोगों का कहना है कि जेएम जे लो रियोस अस्पताल देश के दूसरे अस्पतालों से बेहतर स्थिति में है. वेनेजुएला के एक गैर सरकारी संगठन डॉक्टर्स फॉर हेल्थ के साथ जुड़े खूलियो कास्त्रो कहते हैं कि राजधानी काराकस से बाहर निकलें तो हालात और भी बुरे हैं.

डॉक्टर्स फॉर हेल्थ के एक सर्वे में पता चला कि 130 अस्पतालों में से 79 प्रतिशत में पानी की कमी है. आधे से ज्यादा अस्पतालों में ऑपरेशन थिएटर काम नहीं कर रहे हैं. कास्त्रो कहते हैं, "इस समय हम देश में फैल रही तीन महामारियों के बारे में जानते हैं: मलेरिया, चेचक और डिप्थीरिया. इस साल हम मलेरिया के दस लाख मामलों तक पहुंच जाएंगे." वह कहते हैं कि 1980 के पूरे दशक में वेनेजुएला में मलेरिया के कुल दो हजार मामले सामने आए थे.

सरकार ने दो साल से अपनी हेल्थ रिपोर्ट नहीं छापी है. लेकिन 2017 में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 2016 में बाल मृत्यु दर 30 प्रतिशत बढ़ गई है जबकि प्रसव के दौरान मांओ की मृत्युदर में 66 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इसके कुछ दिनों बाद स्वास्थ्य मंत्री ने इस्तीफा दे दिया. लेकिन सरकार का इस स्वास्थ्य संकट की तरफ कोई विशेष ध्यान नहीं है. स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाली एक संस्था कोडेविडा का कहना है कि वेनेजुएला में तीन लाख लोग लंबी बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्हें पिछले एक साल से कोई दवा नहीं मिली है. एचआईवी से संक्रमित 88 हजार लोग भी दवाओं को तरस रहे हैं. देश में विशेषज्ञता रखने वाले डॉक्टरों की कमी हो गई है. कास्त्रो कहते हैं, "मुझे डेंगू बुखार के खिलाफ टीका तैयार करने पर शोध करना चाहिए. लेकिन इन हालात में हम सिर्फ अपने अस्पतालों में होने वाली मौतों को गिन रहे हैं."

एके/एमजे (डीपीए)

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तस्वीर: picture-alliance/Zumapress/R. Camacho

 

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