हनीफ मामले में माफी मांगेगी ऑस्ट्रेलियाई सरकार
२२ दिसम्बर २०१०हनीफ को 2007 के ग्लासगो नाकाम बम धमाके की कोशिश से जुड़े होने के संदेह में गलत तरीके से हिरासत में रखा गया. ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ लंबी सौदेबाजी के बाद मंगलवार को उन्हें अच्छा खासा मुआवजा देने का एलान किया गया. हनीफ के वकील रॉड होजसन का कहना है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार सार्वजनिक तौर पर माफी मांग सकती है जिससे हनीफ की बेगुनाही साबित होगी.
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि ऐसा कब होगा, लेकिन आप इस बारे में सार्वजनिक माफी की उम्मीद कर सकते हैं." होजसन ने कहा कि मुआवजे की रकम ठीक ठाक है और हनीफ इससे खुश हैं. बदले में हनीफ ने सरकार के खिलाफ नागरिक दावे और पूर्व इमिग्रेशन मंत्री केविन एंड्रयू पर मानहानि के मुकदमे को वापस ले लिया है. एंड्रयू ने हनीफ को जमानत मिलने के बाद उनके वीजा को खारिज कर दिया था.
मुआवजे की रकम को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है और सरकार का कहना है कि समझौते की शर्तों को उजागर नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक गोपनीय समझौता है. हनीफ को हिरासत में लिए जाने के बाद से मामले की पैरवी कर रहे वकील पीटर रूसो का कहना है कि उनके मुवक्किल की प्रतिष्ठा हमेशा के लिए धूमिल नहीं हुई है. उनके मुताबिक, "मैं आशा करता हूं कि ऐसा न हो. आम ऑस्ट्रेलियाई लोग उन्हें निर्दोष मानेंगे और उन्हें अपनी जिंदगी जीने देंगे." वह कहते हैं कि हनीफ शांत स्वभाव के इंसान हैं जिन्होंने इस पूरे मामले का बहुत ही साहस के साथ सामना किया. रूसो का कहना है, "मेरी राय में वह बहुत ही साहस के साथ इस मामले से निपटे और इसका श्रेय सिर्फ उन्हीं को जाता है."
उधर पूर्व इमिग्रेशन मंत्री एंड्र्यू अब तक अपनी बात पर कायम हैं. वह कहते हैं कि उनके खिलाफ मानहानि का केस हमेशा से ही ठीक नहीं था. उन्होंने न तो माफी मांगी है और न ही हनीफ को किसी तरह का जुर्माना दिया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम