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स्वाइन फ़्लू के टीके लिए इनसानों पर टेस्ट

२२ जुलाई २००९

स्वाइन फ़्लू के मामले दुनिया भर में फैलने और लगातार हो रही मौतों के बाद इसका टीका तैयार करने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं. ऑस्ट्रेलिया का दावा है कि काम तेज़ कर दिया गया है और अब मनुष्यों पर इसके टेस्ट किए जा रहे हैं.

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टीके के लिए टेस्टतस्वीर: AP/DW-Montage

दुनिया भर में 700 लोगों के मारे जाने के बाद अब ऑस्ट्रेलिया की दो कंपनियों ने इसका टीका बनाना शुरू कर दिया है और इसके लिए बाक़ायदा इनसानों पर परीक्षण किए जा रहे हैं. एडीलेड की वाक्सीन कंपनी ने 300 लोगों पर परीक्षण शुरू किए, जबकि मेलबर्न की सीएसएल ने 240 लोगों पर. इन कंपनियों का दावा है कि दुनिया भर में स्वाइन फ़्लू के टीका के लिए मनुष्यों पर यह पहला परीक्षण है. हालांकि इसके नतीजे आने में छह से आठ हफ़्ते तक लग सकते हैं और उसके बाद ही स्वाइन फ़्लू का कोई टीका भी बाज़ार में आ पाएगा.

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स्कूलों में भी स्वाइन फ़्लूतस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के कई देशों में एचवनएनवन वाइरस से स्वाइन फ़्लू फैल रहा है और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन का कहना है कि एहतियात के लिए कड़े क़दम उठाए जा रहे हैं.

स्वाइन फ़्लू के लक्षण

डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ़्लू के लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता क्योंकि इसकी शुरुआत आम नज़ले जुक़ाम की तरह होती है. वैसे तेज़ बुख़ार और लगातार थकान के अलावा सिर दर्द और नाक बहना भी स्वाइन फ़्लू के लक्षण हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अगर गले की ख़राश ठीक न हो रही हो, लगातार उल्टी करने का मन कर रहा हो या भूख न लगे और जोड़ों में दर्द भी स्वाइन फ़्लू के लक्षण हो सकते हैं. ऐसी हालत में ढील नहीं बरतनी चाहिए और फ़ौरन डॉक्टर से मिलना चाहिए.

इस बीच मशहूर दवा कंपनी ग्लैक्सो स्मिथ ने कहा है कि यह रेलन्ज़ा नाम की दवा का उत्पादन तिगुना कर रहा है, जो स्वाइन फ़्लू के इलाज के लिए मुफ़ीद मानी जाती है. जहां तक टीके का सवाल है, ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों का प्रयोग पूरा होने में कम से कम छह हफ़्ते लगने हैं और इसके कामयाब होने की गारंटी भी नहीं है. मेडिकल एक्सपर्टों का कहना है कि वह सिर्फ़ उम्मीद लगा सकते हैं लेकिन हड़बड़ी में कोई वैक्सीन यानी टीका बाज़ार में नहीं आना चाहिए.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ए कुमार