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"सोशल मीडिया पर मुसलमान न पोस्ट करें तस्वीरें"

शोभा शमी
२० अक्टूबर २०१७

उत्तर प्रदेश में दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं को सोशल मीडिया साइट्स पर उनके परिवारों की तस्वीरें पोस्ट न करने का फतवा जारी किया है.

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Symbolbild Facebook Blasphemie in Pakistan
तस्वीर: picture alliance/dpa/epa/R. Khan

फतवे में दारुल उलूम ने कहा है कि अपनी और अपने परिवार की तस्वीरें सोशल मीडिया साइट्स जैसे फेसबुक और वॉट्सऐप पर पोस्ट करने की इजाजत इस्लाम में नहीं है. हाल ही में एक व्यक्ति ने दारुल उलूम से इस बारे में पूछताछ की थी कि क्या इस्लाम सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट करने की इजाजत देता है. इसके जवाब में दारुल उलूम ने तस्वीरों को लेकर फतवा जारी किया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दारुल उलूम के मदरसे से जु़ड़े इस्लाम के एक विद्वान मुफ्ती तारीक ने इस मामले में कहा कि जब इस्लाम गैरजरूरी तौर पर तस्वीरें खींचने की इजाजत नहीं देता तो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की अनुमति कैसे दे सकता है.

ऑउटलुक के अनुसार मुस्लिन नेता मुफ्ती मुक्करम ने इस फतवे का समर्थन किया. उन्होंने कहा, "बिना किसी खास इरादे के बेकार में तस्वीरें खींचना इस्लाम में पूरी तरह गलत है. अगर कोई तस्वीर आधार कार्ड, पासपोर्ट या किसी अन्य दस्तावेज के लिए खींची गयी है तो यह ठीक है. लेकिन बिना किसी मकसद के उन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर पोस्ट करना गलत है."

इसके अलावा 9 अक्टूबर को भी इसी तरह का एक और फतवा जारी किया गया था, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को अपनी आईब्रो बनवाने को मना किया गया है.