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सोमालिया से हटी ईथोपियाई सेना

१५ जनवरी २००९

इथोपियाई सेना आखिरकार सोमालिया की राजधानी मोगादिशु से लौट गयी है. इस बीच सोमालिया के प्रधानमंत्री ने खाली पड़े राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी ठोक दी है.

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सोमालिया में ख़ासी बदनाम रही है ईथोपियाई सेनातस्वीर: AP

युद्ध तबाही हिंसा और बदहाली से ताबाह सोमालिया की राजधानी मोगादिशु की सड़कों पर खून से लथपथ लाशें नहीं बल्कि खुशी से नाचते झूमते शोर मचाते लोगों का ये गुरुवार के दिन एक दुर्लभ दृश्य था. इथोपियाई सेना के तीस ट्रकों का आखिरी काफ़िला शहर से रुख़्सत होता हुआ देखा गया. सोमालिया सरकार के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इथोपियाई सेना मोगादिशु से पूरी तरह हट गयी है. कमज़ोर संक्रमण सरकार को मदद देने के लिए ये सेना दो साल से मोगादिशु में डटी हुई थी. लेकिन सेना पर मानवाधिकारों के हनन के गंभीर आऱोप थे और स्थानीय लोग इन सैनिकों की मौजूदगी से खासे ख़फा थे. सेना की रवानगी पर एक सोमालियाई नागरिक का कहना था कि ये दिन छुट्टी की तरह है. हमारी राजधानी वाकई आज़ाद हो गयी है.

Somalia in distress
तबाह और बदहाल सोमालियातस्वीर: AP

ईथोपियाई सरकार का दावा था कि 2006 के आखिरी दिनों में उसने अपनी सेना सोमालिया में इसलिए भेजी थी कि वहां किसी कट्टरपंथी इस्लामी सरकार की स्थापना न हो जाए. सोमालिया में गृहयुद्ध के बीच कट्टरपंथी गुट हावी हो गए थे. मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सोमालिया मेंयुद्धरत गुटों ने एक दूसरे के बजाय आम लोगों को ज़्यादा नुकसान पहुंचाया. ह्मुयमन राइट्स वॉच नाम की संस्था के मुताबिक सभी गुट हिंसा में लिप्त रहे और ईथोपियाई और सोमालियाई सैनिकों ने नागरिकों को यातनाएं दी, महिलाओं से बलात्कार किए और लोगो के घर बार लूटे.

Abdullahi Yusuf Präsident von Somalia
राष्ट्रपति पद से हो चुकी है यूसुफ़ की विदाईतस्वीर: AP

बदहाल सोमालिया के प्रधानमंत्री नूर हसन हुसैन ने इस बीच एलान किया है कि देश में शांति और भाईचारे की बहाली के लिए वो राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ेगें. इस पद से अबदुल्लाही युसुफ अहमद ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था. प्रधानमंत्री और उनके बीच राजनैतिक रंजिश चल रही थी. लेकिन पलड़ा प्रधानमंत्री का भारी रहा.

ईथोपियाई सेना की वापसी उस शांति समझौते का हिस्सा है जो प्रधानमंत्री हुसैन ने पिछले साल अक्टूबर में उदारवादी विपक्षी नेताओं के समक्ष रखा था. प्रस्ताव के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सेना की बहाली होने तक सुरक्षा ज़िम्मेदारी सोमाली पुलिस पर रहेगी. लेकिन देश के प्रमुख चरमपंथी गुट शेबाब ने समझौते को खारिज करते हुए कहा कि वो अपना संघर्ष जारी रखेगा.

आशंका और उत्पात के बीच सोमालिया में 26 जनवरी को राष्ट्रपति पद का चुनाव होगा जिसमें प्रधआनमंत्री नूर हसन हुसैन का जीतना तय माना जा रहा है. उन्हें पूरी संसद का समर्थन हासिल है. सोमालिया के पुनर्निर्माण और उसके विकास का दावा कर रहे प्रधानमंत्री, सोमालिया को इस अंधी गली से निकाल पाएंगे या नहीं, अफ्रीका समेत सारी दुनिया के सामने साल की शुरूआत में ही ये एक बड़ा सवाल है.