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सुशील ने कहा, क्रिकेटर मान लें वाडा नियम

५ अगस्त २००९

ओलंपिक में भारत के लिए कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान सुशील कुमार ने देश के क्रिकेटरों को सलाह दी है कि वे वाडा के विवादास्पद "कहां हो" क्लॉज़ से जुड़ी अपनी चिंताओं को छोड़ इसके नियमों को स्वीकार कर लें.

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पेइचिंग ओलंपिक में जीत चुके हैं कांस्य पदकतस्वीर: AP

वाडा पर दस्तख़्त कर चुके सुशील ने कहा कि वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) किसी खिलाड़ी से जुड़ी निजी जानकारी किसी और को नहीं देती. इसलिए क्रिकेटर भरोसा कर सकते हैं कि इससे उनकी प्राइवेसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वाडा नियमों में "कहां हो" क्लॉज़ पर क्रिकेटरों को एतराज़ है. इसके तहत खिलाड़ियों को डोपिंग टेस्ट से तीन महीने पहले अपने बारे में और अपनी गतिविधियों के बारे में जानकारी देनी होगी.

सुशील ने कहा, "क्रिकेटर इतनी चिंता क्यों कर रहे हैं? उनकी यह चिंता सही नहीं है कि वाडा नियमों से उनकी निजी ज़िंदगी पर कोई असर पड़ेगा या फिर सुरक्षा को लेकर कोई ख़तरा हो सकता है. मैंने भी वाडा पर दस्तख़्त किए हैं और इसके नियमों का कड़ाई से पालन करता हूं."

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के सभी खेल संघ और खिलाड़ियों ने वाडा पर हस्ताक्षर किए हैं और इसके सभी नियमों को मानते हैं. सुशील को कभी ऐसा नहीं लगा कि वाडा किसी खिलाड़ी के बारे में मिली जानकारी किसी और को देता है. इससे पहले भारतीय टेनिस जगत के सितारे सानिया मिर्ज़ा और महेश भूपति भी क्रिकेटरों से आग्रह कर चुके हैं कि उन्हें अपनी आशंकाओं को दूर कर वाडा की शर्तों को मान लेना चाहिए. भारतीय ओलंपिक संघ औऱ खेल मंत्री भी वाडा के पक्ष में आ चुके हैं.

वहीं बीसीसीआई अब भी भारतीय क्रिकेटरों के साथ खड़ा नज़र आ रहा है और उसने आईसीसी से मांग की है कि अपने स्तर पर एक एंटी डोपिंग एजेंसी बनाने के विकल्प पर विचार किया जाए. इस विवाद के चलते आईसीसी के सामने एक जटिल स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि किसी और देश के क्रिकेटरों ने इतना मुखर होकर इन शर्तों के ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठाई है.

रिपोर्टः एजेंसियां ए कुमार

संपादनः आभा मोंढे