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सीरिया: रासायनिक हमले के बाद एयरबेस पर हमला

९ अप्रैल २०१८

सीरिया में रासायनिक हमले के बाद एक सैन्य हवाई अड्डे पर हमला हुआ है जिसमें 14 लोगों की जान गई है. किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.

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Homs Ruinen
सीरिया के होम्स शहर का हाल तस्वीर: picture-alliance/MAXPPP/Kyodo

स्थानीय समाचार एजेंसी सना के अनुसार सोमवार को सूर्योदय से ठीक पहले होम्स के टी-4 एयरबेस पर "कई मिसाइलों" से हमला किया गया. अपनी शुरुआती रिपोर्टों में सना ने अमेरिका को इस हमले के लिए जिम्मेदार बताया लेकिन बाद में अपने इस दावे को वापस ले लिया.

अमेरिका और फ्रांस का इंकार

दरअसल शनिवार को हुए रासायनिक हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने एक साझा बयान में एक "मजबूत साझी प्रतिक्रिया" की बात कही थी. ताजा हमले के बाद अमेरिका और फ्रांस दोनों ने ही साफ किया है कि इसमें उनका हाथ नहीं है. पेंटागन के एक प्रवक्ता ने बताया, "इस समय रक्षा मंत्रालय सीरिया में हवाई हमले नहीं कर रहा है. लेकिन हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और रासायनिक हमले के जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए हो रहे राजनयिक प्रयासों का समर्थन करते हैं." वहीं फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल पैट्रिक स्टाइगर ने भी इससे इंकार करते हुए कहा, "वह हम नहीं थे."

डॉनल्ड ट्रंप की चेतावनी

रविवार को डॉनल्ड ट्रंप ने चेतावनी भरे स्वर में कहा, "राष्ट्रपति पुतिन, रूस और ईरान, जानवर असद को समर्थन देने के लिए जिम्मेदार हैं. इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी." ठीक एक साल पहले अमेरिका ने सीरिया में किए गए रासायनिक हमले के जवाब में शायरत एयरबेस पर मिसाइल से हमला किया था. शायरत हवाई अड्डा टी-4 से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर है.

उधर इस्राएल ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है. इस्राएल कहता रहा है कि वह सीरिया में ईरान के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा. इसी साल फरवरी में सीरियाई लड़ाकों के हाथों इस्राएल के एफ-16 विमान गिराए जाने के जवाब में इस्राएल ने सीरिया पर कई हवाई हमले किए.

रासायनिक हमले की भयानक तस्वीरें 

सीरिया में काम करने वाली स्वैच्छिक संस्था व्हाइट हेल्मेट्स ने सीरियन अमेरिकन मेडिकल सोसायटी के साथ दिए अपने साझा बयान में बताया कि डूमा शहर पर हुए रासायनिक हमले में 70 लोगों की जान गई है. व्हाइट हेल्मेट्स ने ट्विटर पर कई वीडियो और तस्वीरें भी पोस्ट की हैं जिनमें लोगों पर रासायनिक हथियार के असर को देखा जा सकता है. दिल दहलाने वाली इन तस्वीरों में ज्यादातर बच्चे हैं, जिनका रंग फीका पड़ चुका है और मुंह से झाग निकल रहा है. डूमा शहर पूर्वी गूटा प्रांत में है. व्हाइट हेल्मेट्स के अनुसार यहां हेलीकॉप्टर से बैरल बम फेंका गया. संस्था ने ट्वीट किया, "अपने घरों में छिपे हुए पूरे पूरे परिवार जहर के कारण मारे गए हैं."

राहत कार्यकर्ताओं ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि हमले के एक दिन बाद भी सड़कों पर लाशें पड़ी हुई थीं और अस्पताल घायलों से भरे हुए थे. रिपोर्टों के अनुसार हमले का असर कम से कम 500 लोगों पर हुआ है और मरने वालों की संख्या 100 से ऊपर जाने की आशंका है.

रूस का विद्रोहियों के साथ समझौता

इस हमले के कुछ ही घंटों बाद रूसी सेना ने विद्रोही संगठन जैश अल इस्लाम के साथ एक समझौता किया जिसके तहत विद्रोहियों और उनके परिवारों को डूमा से बाहर निकाला जाएगा. रूसी सेना के मेजर जनरल यूरी येवतुशेंको ने इस बात की पुष्टि की है कि डूमा में 100 बसें भेजी गई हैं, जो 8,000 विद्रोहियों और 40,000 नागरिकों को शहर से बाहर सुरक्षित जगह पर ले जाएंगी. बदले में विद्रोहियों को बंधक बनाए हजारों लोगों को भी छोड़ना होगा. हालांकि इस विद्रोही संगठन ने अब तक इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है.

स्थानीय समाचार एजेंसी सना के अनुसार यह समझौता 48 घंटे के अंदर लागू किया जाएगा. माना जा रहा है कि इस कदम के बाद एक बार फिर सीरियाई सेना की पकड़ पूर्वी गूटा पर बन सकेगी. रूसी सेना पिछले लगभग दो महीनों से इस इलाके से विद्रोहियों को हटाने की कोशिश में लगी है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह शक भी है कि रासायनिक हमला रूस ने एक युद्धनीति के तहत किया. हालांकि रूस इससे इंकार कर चुका है.

आईबी/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)