सिनेमाघरों में नहीं बजेगा राष्ट्रगान
९ जनवरी २०१८सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने नवंबर 2016 में दिए अपने ही आदेश में बदलाव करते हुए नया आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने दिसम्बर 2016 के अपने आदेश में सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने और इस दौरान इसके सम्मान में लोगों के खड़े होने को अनिवार्य बना दिया था.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की बड़ी आलोचना हुई थी, क्योंकि राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता का आदेश सिर्फ सिनेमाघरों के लिए दिया गया था, किसी और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए नहीं. राष्ट्रगान बजते समय सीटे पर बैठे रहने के कारण कई जगहों पर लोगों के साथ मारपीट की घटनाएं भी हुई थी.राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने पर तीन की पिटाई
"राष्ट्रभक्ति दिखाने के लिए राष्ट्रगान की जरूरत नहीं"
केंद्र सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय से सिनेमाघरों में राष्ट्रगान को अनिवार्य बनाने के फैसले पर रोक लगाने का आग्रह किया. केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से इस फैसले पर रोक लगाने का आग्रह एक हलफनामे में किया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ महीने पहले कहा था कि केंद्र सरकार को सिनेमा हॉल समेत सार्वजनिक स्थानों पर राष्ट्रगान को बजाने के संबंध में नियम बनाने पर निर्णय लेना चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह कहना अनावश्यक है कि सरकार को इस मुद्दे पर निर्णय का अधिकार है. न्यायालय ने कहा कि निर्णय लेने के दौरान सरकार को वर्ष 2016 के उच्चतम न्यायालय के निर्देश से प्रभावित नहीं होना चाहिए जिसके अंतर्गत सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य कर दिया गया था.
आईएएनएस/एमजे