सालेह के जाने से यमन में जश्न का माहौल
५ जून २०११राजधानी सना में लंबे वक्त बाद खुशी का माहौल छाया हुआ है. सालेह के देश छोड़ने की खबर फैलते ही हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और जश्न मनाने लगे. रविवार को भी जश्न जारी रहा. सना यूनिवर्सिटी के चौराहे पर सैकड़ों लोग यमन का झंडा फहराते और विजय के नारे लगाते रहे. शहर की छोटी गलियों में उत्सव जैसा आलम है.
विपक्ष और विरोधियों की कोशिश है कि अब सालेह को यमन में घुसने ही नहीं दिया जाए. मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रवक्ता मोहम्मद कुहातन ने कहा, "हम अपनी पूरी ताकत झोंक देंगें और उन्हें वापस नहीं आने देंगे. हम इस मौके को निरकुंश और भ्रष्ट सत्ता के अंत की शुरुआत की तरह देख रहे हैं."
सालेह की सत्ता का समापन
फिलहाल पूर्व उप राष्ट्रपति अब्द रब्बु मंसूर हैदी कार्यवाह राष्ट्रपति की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होने सेना और सुरक्षा बलों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है. मंसूर हैदी ने सेना और सालेह के बेटों के साथ ही अमेरिकी राजदूत से भी मुलाकात की है. यमन में मौजूद अमेरिकी राजदूत से मंसूर हैदी की मुलाकात को सालेह की सत्ता के अंत के रूप में देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि अंदर ही अंदर सालेह का राज खत्म करने का फैसला हो चुका है.
रिपोर्टें है कि सालेह अपने 35 करीबी लोगों के साथ रियाद गए हैं. इनमें उनकी पत्नी, प्रधानमंत्री और यमन की विधानसभा के स्पीकर भी शामिल हैं. लेकिन उनका बेटा अहमद और भतीजे अम्मार और येहिया अब भी यमन में ही हैं. अहमद सेना का कमांडर है जबकि भतीजे सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को देखते हैं.
विद्रोहियों के हमले तेज
सालेह के सऊदी अरब जाने के अगले ही दिन विद्रोहियों ने देश के दूसरे सबसे बड़े शहर तायज में सुरक्षा बलों को निशाना बनाया. ताएज के राष्ट्रपति परिसर में एक बदूंकधारी ने चार सुरक्षा बलों को मौत के घाट उतार दिया. दक्षिणी यमन में भी एक सैन्य काफिले को निशाना बनाया गया, जिसमें नौ जवान मारे गए.
शुक्रवार को विद्रोहियों ने राष्ट्रपति निवास पर भारी बमबारी की. बमबारी में सालेह बुरी तरह घायल हुए. उनके सीने में चोटें आईं. हमले के बाद सालेह ने विद्रोहियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का एलान किया लेकिन शनिवार को अचानक नाटकीय ढंग से वह सऊदी अरब चले गए.
यमन में इस साल फरवरी से सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए. ट्यूनीशिया की क्रांति के बाद मिस्र, यमन, सीरिया और लीबिया में सत्ता विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए. मि्स्र में राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को हटना पड़ा. यमन के राष्ट्रपति भी अब पूर्व ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति की भांति सऊदी अरब की चिकित्सकीय शरण में हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया