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साइंटिस्ट के लौटने से जज्बाती हुआ ईरान

१५ जुलाई २०१०

ईरानी वैज्ञानिक शहराम अमीरी बुधवार को जब तेहरान में उतरे और उन्होंने भीगी हुई आंखों से अपने 7 साल के बेटे को एयरपोर्ट पर ही अपनी बाहों में भरा, तो अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति का एक पेचीदा मसला यकायक जज्बाती हो गया.

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ईरानी साइंटिस्ट शहराम अमीरीतस्वीर: AP

शहराम अमीरी पिछले साल सउदी अरब से लापता हो गए थे. ईरान का आरोप है कि अमेरिका ने उनका अपहरण कर लिया था. साल भर अमेरिका में रहने के बाद और वॉशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास में शरण लेते हुए अमीरी तेहरान पहुंचे.

ईरान के लोग अमीरी के लौटने पर क्या सोच रहे हैं, हमें बताया तेहरान टाइम्स के राजनीतिक संपादक साकी ने,"ईरानी लोग बहुत खुश हैं और इसे अपनी जीत के तौर पर देखते हैं...ईरान खुश है कि उसका एक नागरिक सुरक्षित अपने देश लौट आया है।"

तेहरान में अमीरी ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने सऊदी अरब में उनका अपहरण कर लिया था और उसके बाद उन्हें हिरासत में रखा गया. उन्होंने कहा कि उन्हें टॉर्चर किया गया और ईरान के खिलाफ बोलने के लिए 5 करोड़ डॉलर देने का लालच भी दिया गया. हालांकि अमेरिका ने उनकी बात को गलत बताया है. अमेरिका का कहना है कि वह किसी तरह की हिरासत में नहीं थे, वे अपनी मर्जी से अमेरिका में रह रहे थे. इसी सप्ताह वे भागकर पाकिस्तानी दूतावास के ईरानी हित वाले हिस्से में पहुंच गए थे.

एक अमेरिकी अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा है कि हो सकता है ईरानी अधिकारियों ने अमीरी के परिवार पर दबाव बनाया हो, जिसके बाद उन्होंने इस तरह लौटने का फैसला किया. लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने बेटे के साथ पहुंचे अमीरी ने कहा कि उनके परिवार पर कोई दबाव नहीं है.

Ankunft iranischer Atomforscher in Teheran
अमीरी को लेने उनका बेटा एयरपोर्ट पहुंचातस्वीर: AP

अमीरी कहते हैं कि वह सीआईए की हिरासत में थे और अमेरिकी मीडिया ने ऐसी खबरें दी हैं कि उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में जानकारियां दीं. इसके बाद क्या ईरान उन पर भरोसा कर पाएगा? साकी कहते हैं कि ईरान में किसी को नहीं लगता कि अमीरी ने कोई सूचना दी होगी. वह कहते हैं कि यह ईरान के लोगों के लिए एक जज्बाती मसला है. वह कहते हैं, "बेशक यह जज्बाती मसला है. जब मैंने खुद उन्हें अपने बेटे के साथ खुशी में डूबे देखा तो मैं भी जज्बाती हो गया था. मेरी आंखों में भी आंसू आने वाले थे."

अब तक ईरान की सरकार ने इस मसले पर ज्यादा कुछ नहीं बोला है. वहां के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक विदेश मंत्री मानुचेर मोताकी ने अमेरिका से सफाई मांगी है, लेकिन साल भर से जिस शख्स के नाम पर कूटनीतिक चालें खेली जा रही थीं, उसके लौटने पर छाई राजनीतिक खामोशी रहस्य को और गहरा करती है.

रिपोर्टः एजेंसिया/वी कुमार

संपादनः महेश झा