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सांसद सचिन पर सबकी राय

३० अप्रैल २०१२

सचिन तेंदुलकर ने अभी संसद का गेट भी नहीं देखा है. राज्यसभा की कार्यवाही में एक दिन भी नहीं गए हैं. लेकिन सियासत शुरू हो चुकी है.

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सियासत में सचिनतस्वीर: Reuters

बड़े बड़े नाम उन्हें हरी झंडी दिखा रहे हैं और कुछ ने लाल रंग थाम लिया है. इन सबके बीच खुद सचिन खामोश बैठे हैं.

भारत रत्न से सम्मानित की जा चुकी भारत की गायिका लता मंगेशकर को लगता है कि सचिन तेंदुलकर एक होनहार सांसद होंगे. कभी खुद राज्यसभा में बैठ चुकीं 82 मंगेशकर का कहना है, "मैं इस बात से बहुत खुश हूं कि सचिन को राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया है. वह इसका अधिकार रखते हैं. लेकिन मुझे नहीं मालूम कि वह क्रिकेट और संसद के बीच अपने समय को कैसे एडजेस्ट करेंगे."

सचिन और लता के बीच की केमिस्ट्री किसी से छिपी नहीं. सचिन बल्लेबाजी करने से पहले लता के गाने सुनते हैं और लता हमेशा सचिन की बल्लेबाजी देखना पसंद करती हैं. स्वर कोकिला लता मंगेशकर कहती हैं, "सचिन एक व्यस्त इंसान हैं. बहुत ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने होते हैं. उनके लिए संसद के सत्र में लगातार जाना मुश्किल होगा." लता मंगेशकर को 1999 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था और उन्होंने खुद भी संसद को ज्यादा समय नहीं दिया था. वह इस बात को मानती हैं कि उन्होंने संसद में एक शब्द भी नहीं कहा, "रोज मेरी रिकॉर्डिंग होती थी और मैं लगातार संसद के सत्र में नहीं जा पाती थी. मेरे लिए बहुत मुश्किल था. मैंने राज्यसभा में एक शब्द भी नहीं बोला और मेरी निंदा भी हुई. लेकिन कुल मिला कर यह अच्छा अनुभव था."

साथ भी, विरोध भी

बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन भी सचिन के साथ खड़े हैं. उनका कहना है, "संसद के हर सत्र में राष्ट्रपति कुछ लोगों को नामांकित करते हैं. और ये लोग राज्यसभा जाने के हकदार होते हैं."

लेकिन सचिन के मामले में बॉलीवुड से लेकर क्रिकेट और राजनीति तक में फूट पड़ चुकी है. संजय दत्त का मानना है कि सचिन का फैसला गलत है, "राज्यसभा में जाना सम्मान की बात है. मैं सचिन का फैन हूं. वह भारत का नगीना हैं. लेकिन मैं इस बात से खुश नहीं हूं कि वह राज्यसभा सदस्य बन रहे हैं. वह जो हैं, उन्हें वही बना रहना चाहिए."

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तस्वीर: dapd

संजय दत्त से पहले क्रिकेट स्टार संजय मांजरेकर ने भी सचिन के फैसले पर हैरानी जताते हुए इसे गलत फैसला बताया था. क्रिकेट के जाने माने कमेंटेटेर हर्षा भोगले भी इस बात से खुश नहीं हैं कि सचिन तेंदुलकर ने सांसद बनने का फैसला किया है. हर्षा का कहना है, "सचिन को राजनीति और समाजसेवा का कोई अनुभव नहीं है."

डर्टी पिक्चर

महाराष्ट्र की पार्टी शिव सेना सचिन के बहाने कांग्रेस के खिलाफ राजनीति करने पर उतारू हो चुकी है. पार्टी प्रमुख बाल ठाकरे का कहना है कि सचिन का नामांकन कांग्रेस की "डर्टी पिक्चर" है. इससे पहले उन्होंने शिव सेना के मुख पत्र सामना में भी लिखा है कि सचिन के बहाने कांग्रेस राजनीति कर रही है. जिस दिन सचिन तेंदुलकर के नाम का एलान हुआ, उसी दिन सचिन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. इसके बाद से कयास लगाए जाने लगे कि सचिन के नामांकन के पीछे कांग्रेस का हाथ है. राष्ट्रपति ने पहले भी कई सम्मानित लोगों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है लेकिन उनका किसी पार्टी से सीधा संबंध नहीं जोड़ा गया. इस वक्त भी जावेद अख्तर राज्यसभा सदस्य हैं.

खामोश सचिन

इन सबके बीच खुद सचिन तेंदुलकर ने कुछ नहीं कहा है. मामला सामने आने के बाद से उन्होंने आईपीएल के दो मैच खेले हैं लेकिन इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है. ट्विटर पर सचिन के 23 लाख से भी ज्यादा फैन हैं लेकिन उन्होंने वहां भी कुछ ट्वीट नहीं किया है. सचिन ने आखिरी ट्वीट 26 अप्रैल की है, जिसमें सिर्फ क्रिकेट की बात है. आम तौर पर क्रिकेट में जब सचिन के नाम पर सवाल उठते हैं, तो वह बल्ले से जवाब देते हैं. अब जब सियासत में उनके नाम पर विवाद हो रहा है, तो उनका जवाब देखने लायक होगा. फिलहाल तो वह खामोश हैं, लोगों की नजर लगी है कि क्या संसद में वह कुछ बोल पाएंगे.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ (पीटीआई)

संपादनः आभा मोंढे

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