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सरिस्का के बाद पन्ना से भी बाघ ग़ायब

१३ जुलाई २००९

सरिस्का के बाद मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिज़र्व से भी बाघ ग़ायब हो चुके हैं. कई महीनों की खोजबीन के दौरान पन्ना रिज़र्व में एक भी बाघ नहीं मिला. मध्य प्रदेश सरकार ने भी माना है कि पन्ना में अब एक भी बाघ नहीं बचा है.

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ढाई साल में 139 बाघों की मौततस्वीर: AP

मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश के वन मंत्री ने कहा है मई में पूरे हुए एक सर्वे से पता चला है कि पन्ना में कोई बाघ नहीं बचा है. यह सर्वे भारत के वन्यजीव संस्थान ने किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि अवैध शिकार के चलते भी पहले पन्ना टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या पहले कम हुई और फिर ख़त्म ही हो गई. राज्य सरकार का कहना है कि अब संस्थान की इस रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा.

Tigerbaby Johann im Bergzoo Halle
भारत में बचे सिर्फ 1,411 बाघतस्वीर: picture alliance/dpa

सोमवार को राज्य के वन मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि इस रिपोर्ट के बाद एक कमेटी बनाई गई है जो यह तय करेगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. बाघों को बचाने में नाकाम रही मध्य प्रदेश सरकार अब दूसरे टाइगर रिज़र्व से भी दो बाघिनों को लाने की कोशिश कर रही है. शुक्ला ने बताया कि दूसरी जगहों से चार और बाघ मंगवाने के लिए भी केंद्र से सिफ़ारिश की गई है.

बीते साल देश भर में हुई बाघों की गिनती से पता चला कि अब भारत में सिर्फ 1,411 बाघ ही बचें हैं. छह साल पहले बाघों की संख्या 3,600 थी. अकेले 543 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले पन्ना टाइगर रिज़र्व में छह साल पहले 40 ही बाघ थे. बहरहाल मौजूदा तस्वीर के बारे में वन्य जीव संरक्षण से जुड़े कई जानकार तो बाघों की संख्या एक हज़ार से भी कम बताते हैं. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, एनटीएए की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस साल के छह महीनों में ही अब तक 45 बाघ मारे गए हैं. बीते दो सालों में भी भारत में 94 बाघों की मौत हो चुकी है.

A tiger near a pond to beat the heat at Sanjay Gandhi Zoological Park in Patna Zoo
समस्या बने शिकारीतस्वीर: UNI

प्रधानमंत्री के अलावा बाघों को बचाने की अपील सचिन तेंदुलकर जैसे क्रिकेट के सितारे भी कर चुके हैं. बावजूद इसके उत्तर भारत में अब भी हर तीसरे चौथे महीने बाघ की खालों के साथ कई तस्कर पकड़े जा रहे हैं. बाघों की संख्या के बारे चिंता जताते हुए वन्य जीव विशेषज्ञ वाल्मिकी थापर तो यहां तक कह चुके हैं कि 2015 तक भारत से यह ख़ूबसूरत जानवर पूरी तरह ग़ायब हो जाएगा.

वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी आफ इंडिया के मैनेजर टिटो जोसेफ़ का कहना है कि सरिस्का के दुखद उदाहरण से भी कोई सबक नहीं ले रहा है. तीन साल पहले ही पता चला था कि सरिस्का वन्यजीव अभ्यारण्य से भी बाघ पूरी तरह ख़त्म हो चुके हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस जोशी