सरकार फेसबुक से क्यों मांग रही है डाटा
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपनी ट्रांसपैरेंसी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार ने कंपनी से साल 2017 में पिछले साल के मुकाबले 55 फीसदी अधिक डाटा मांगा. डाटा मांगने में अमेरिका के बाद भारत दूसरे स्थान पर है.
एकाउंट्स का जानकारी
फेसबुक की रिपोर्ट में साल 2017 की पहली छमाही का डाटा पेश किया गया है. इसके मुताबिक सरकार ने जनवरी-जून की अवधि में 9853 हजार एकाउंट्स की जानकारी मांगी. साल 2016 के मुकाबले इस मांग में 55 फीसदी का इजाफा हुआ है. पिछले साल यह मांग तकरीबन 6 हजार पर थी.
बढ़ रही मांग
वहीं साल 2016 की दूसरी छिमाही में जुलाई से दिसंबर के दौरान तकरीबन 7200 एकाउंट्स का डाटा मांगा गया था. इससे साफ जाहिर है कि डाटा को लेकर सरकार की ओर से मांग लगातार बढ़ी है.
क्यों मांगी जानकारी
फेसबुक के मुताबिक भारत सरकार की ओर से कुल 9690 डाटा आवेदन कानूनी मामलों से जुड़े थे. इसके चलते 13 हजार यूजर्स के एकाउंट का एक्सेस भी मांगा गया. इसके अलावा सरकारी एजेंसियों ने 163 डाटा अनुरोध, इमरजेंसी में किये थे. साथ ही 262 डाटा एकाउंट का एक्सेस मांगा था.
आपराधिक मामले
फेसबुक को तमाम ऐसे अनुरोध भी प्राप्त हुए जिसमें किसी एकाउंट को सुरक्षित रखे जाने की बात कही गयी थी. ये अनुरोध आपराधिक मामलों की जांच से जुड़े थे. फेसबुक ने बताया कि उसे 1166 एकाउंट को सुरक्षित रखने और 1629 यूजर्स के एकाउंट का एक्सेस का अनुरोध मिला.
अमेरिका सबसे आगे
जानकारी मांगने में भारत, अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. अमेरिकी सरकार ने इस दौरान तकरीबन 32 हजार एकाउंट का डाटा और करीब 52 एकाउंट का एक्सेस मांगा. वहीं ब्रिटेन इस सूची में तीसरे स्थान पर है. ब्रिटेन ने 6 हजार यूजर का डाटा मांगा और तकरीबन 8 हजार एकाउंट का एक्सेस.
सामग्री से जुड़ी मांग
कंटेट से जुड़ी मांग फेसबुक के पास भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसी, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से आई. फेसबुक का कहना है कि मानहानि के स्थानीय कानूनों व धर्म कानूनों का उल्लंघन करने वाली सामग्री के मामले में अधिकतर बार ये अनुरोध उसे प्राप्त हुए.