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सबसे बड़े मेले में सबसे बड़ी किताब

६ अक्टूबर २०१०

हर साल जर्मन शहर फ्रैंकफर्ट में सजने वाले दुनिया के सबसे बड़े किताब मेले में कई बड़े लॉन्च होते हैं. पर इस बार लॉन्च हो रही है सबसे बड़ी किताब, जो छह फुट लंबी और नौ फुट चौड़ी है. इस अटलस में दुनिया और बड़ी दिखती है.

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तस्वीर: dapd

इस किताब को फ्रैंकफर्ट मेले में लेकर पहुंचे हैं ऑस्ट्रेलियाई प्रकाशक गॉर्डन चीयर्स. अगर आप 128 पन्नों की इस किताब को खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक लाख डॉलर खर्च करने होंगे. चीयर्स का कहना है कि पिछली बार लगभग इसी आकार की किताब 1660 में बनी थी जिसे इंग्लैंड के नरेश चार्ल्स द्वितीय को तोहफे के रूप में दिया गया था. लेकिन वह किताब गॉर्डन चीयर्स के एटलस से आकार में एक फुट छोटी थी. यह पहला मौका है जब इतने बड़े आकार की किताब आई है.

किताब इतनी बड़ी है तो इसके पन्ने पलटने में भी बहुत मेहनत लगानी पड़ती है. सिडनी के गॉर्डन चीयर्स का कहना है कि उनकी कोशिश सिर्फ एक विरासत को आकार देने की थी. आज की दुनिया में जब सब कुछ डिजीटल और चंद सेकंडों में गायब हो जाता है तो यह किताब लगभग 500 साल तक रह सकती है

इस किताब के प्रकाशन में एक महीने का वक्त लगा और विशालकाय अटलस की सिर्फ 31 कॉपी छापी गई हैं. दो प्रतियां बिक भी चुकी हैं. इन्हें संयुक्त अरब अमीरात के एक संग्रहालय ने खरीदा है. चीयर्स को उम्मीद हैं कि बाकी प्रतियां भी बिक जाएंगी. चीयर्स ब्रिटेन की विशाल पब्लिशिंग कंपनियों पेंगुइन और फिर रैंडम हाउस के साथ काम कर चुके हैं. दोनों ही कंपनियों ने जब चीयर्स के प्रोजेक्ट में दिलचस्पी नहीं दिखाई तो उन्होंने अपनी कंपनी बनाने का फैसला किया.

चीयर्स के अटलस में पूरी दुनिया के नक्शे हैं. साथ ही दुनिया के एक हजार अहम स्थलों की बहुत ही स्पष्ट तस्वीरें हैं. चीयर्स को ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि दुनिया में और भी कोई ऐसी किताबें प्रकाशित करता है. वह कहते हैं, "हमें लगता है कि दुनिया में हमारे जितना दीवाना कोई नहीं है."

रिपोर्टः एएफपी/ए कुमार

संपादनः ए जमाल