संयुक्त राष्ट्र को यौन अपराधों की 69 शिकायतें
४ मार्च २०१६संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून की रिपोर्ट में पहली बार सेना और पुलिस के उन अधिकारियों की राष्ट्रीयता बताई गई है जिनपर यौन शोषण के आरोप लगे हैं. आरोपों को ऑनलाइन पोस्ट किया जाएगा और भविष्य में जांच में प्रगति को समय समय पर अपडेट किया जाएगा. जांच की जिम्मेदारी उन देशों की है जिन्होंने अपने सैनिकों और पुलिसकर्मियों को संयुक्त राष्ट्र मिशन पर भेजा है. लेकिन उन पर जांच और बाद में दी गई सजा के बारे में रिपोर्ट करने की कोई जिम्मेदारी नहीं है, इस बात की ज्यादा संभावना होती है कि यूएन मिशन पर किए गए यौन अपराधों के लिए कोई सजा न दी जाए. शांति मिशन में भाग लेने वाले कर्मियों पर यौन हमले, पैसे देकर सेक्स और नाबालिग के साथ सेक्स के आरोप हैं. ये सारे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के गाइडलाइन के तहत प्रतिबंधित हैं.
रिपोर्ट के अनुसार 2015 में 69 शिकायतें आईं जो 2014 की 52 शिकायतों से ज्यादा है. 2013 में संयुक्त राष्ट्र को 66 शिकायतें मिली थीं. पिछले साल की गई शिकायतों में 15 संयुक्त राष्ट्र के असैनिक कर्मचारियों के खिलाफ लगाए गए हैं. इनकी जांच संयुक्त राष्ट्र ने खुद की है. 38 शिकायतें शांति सैनिकों के खिलाफ हैं तो 16 शिकायतें शांति मिशन पर तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हैं. जिन अधिकारियों के खिलाफ आरोपों की पुष्टि हो गई है या अभी भी जांच चल रही है वे कैमरून, डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मोरक्को, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, रवांडा, सेनेगल और मोल्दोवा से हैं. यौन शोषण के आरोप जर्मनी, स्लोवाकिया और घाना के अधिकारियों के खिलाफ भी लगाए गए हैं, लेकिन उन्हें सही नहीं पाया गया.
शर्मसार करने वाली समस्या
यौन शोषण की शिकायतें 21 यूएन शांति मिशनों में से 10 से आई हैं. 22 मामले सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक के हैं तो 16 मामले डेमोक्रैटिक रिपब्लिक कांगो से हैं. महासचिव की रिपोर्ट में जिम्मेदारी तय करने की प्रक्रिया को मजबूत करने की मांग की गई है और इसके लिए ऑन साइट कोर्ट मार्शल गठित करने और शिनाख्त के लिए यौन शोषण के आरोपियों का डीएनए सैंपल जमा करने का सुझाव दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र पर यौन शोषण की शिकायतों पर जल्दी कार्रवाई करने का दबाव रहा है. दिसंबर में एक स्वतंत्र आयोग ने सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में फ्रांसीसी और अन्य शांति सैनिकों के खिलाफ आरोपों पर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया को बड़ी संस्थागत नाकामी बताया था.
शांति अभियानों के दौरान यौन शोषण और दुर्व्यवहार संयुक्त राष्ट्र की सबसे गंभीर और शर्मसार करने वाली समस्या है. दुनिया के गंभीर रूप से संकटग्रस्त और गरीब इलाकों में करीब एक लाख शांति सैनिक तैनात हैं और बहुत से पीड़ित नाबालिग और ऐसी औरतें हैं जो अपना परिवार चलाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. अक्सर इन मामलों में कोई सजा नहीं दी जाती क्योंकि शांति सैनिक अपने राष्ट्रीय कानून के तहत आते हैं. अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने महासभा से अपील की है कि वह शांति मिशनों पर हुए अपराधों पर अंतरराष्ट्रीय संधि पर विचार करे और राष्ट्रीय कानूनों में संशोधन किया जाए. बान ने सेक्स अपराधों के पीड़ितों की मदद के लिए एक ट्रस्ट बनाने की घोषणा भी की है.
एमजे/आईबी (डीपीए, एपी)