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शिवसेना को बाबा रामदेव की नसीहत

६ फ़रवरी २०१०

महाराष्ट्र में छिड़े मराठी ग़ैरमराठी विवाद पर योग गुरु बाबा रामदेव ने भी प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना और एमएनएस को नसीहत देते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.

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तस्वीर: AP

महाराष्ट्र के नागपुर शहर में बाबा रामदेव ने शिवसेना या महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि भाषा के आधार पर राजनीति और भेदभाव नहीं होना चाहिए. योग गुरु के मुताबिक हर व्यक्ति की अपनी भाषा होती है और उसे किसी ख़ास राज्य से जोड़ना ग़लत है.

ठाकरे बंधुओं को नसीहत देते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि मराठी भाषा को सिर्फ़ महाराष्ट्र से नहीं जोड़ा जा सकता. नेताओं को संविधान का पाठ याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि देश के संविधान में कहीं भी किसी भाषा को किसी राज्य से नहीं जोड़ा गया है.

देश और दुनिया में ख़ासे मशहूर बाबा रामदेव ने कहा कि सभ्य समाज में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. उनके मुताबिक मराठी न बोल सकने वाले किसी व्यक्ति का अपमान करना या उसके साथ मारपीट को किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता.

महाराष्ट्र में मराठी और ग़ैरमराठी विवाद का मुद्दा अब राजनीतिक दलों को खेमों में बांटता नज़र आ रहा है. एक ओर शिवसेना और एमएनएस हैं तो दूसरी ओर बीजेपी, कांग्रेस, आरएसएस हैं.

सचिन तेंदुलकर, मुकेश अंबानी और शाह रुख़ जैसे लोगों के ख़िलाफ़ तीखे बयान देने के बाद शिवसेना अकेली पड़ती दिखाई दे रही है. राजनीतिक पार्टियों के अलावा बॉलीवुड और अन्य मशहूर हस्तियां भी उसके ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने लगे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़