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शाह रूख़ मामले पर अमेरिका की सफ़ाई

१६ अगस्त २००९

अमेरिका ने इन आरोपों से इनकार किया है कि बॉलीवुड सुपर स्टार शाह रुख़ ख़ान को उनके नाम या फिर एशियाई होने की वजह से हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ हुई, बल्कि पूछताछ उनके सामान के सिलसिले में हुई.

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ख़फ़ा हैं किंग ख़ानतस्वीर: AP

शनिवार को शाह रूख़ को अमेरिका के नेवार्क हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया. उनसे दो घंटे तक पूछताछ हुई और फिर भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप के बाद उन्हें रिहा किया गया. इस घटना से नाराज़ शाह रूख़ ने कहा, "मैं अमेरिका आने से पहले हमेशा चिंता में घिरा रहता हूं. मैं यहां आने से परहेज़ करना चाहता हूं. मैं एक आतंकवादी जैसा नहीं दिखता हूं जो इस देश को कोई नुक़सान पहुंचाएगा. मेरे नाम (ख़ान) की वजह से ही मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया. मुझसे वाहियात से सवाल पूछे जाते रहे कि मैं कहां रूका हूं और मेरे होटल का फ़ोन नंबर क्या है."

उधर इन आरोपों को ग़लत बताते हुए अमेरिका के कस्टम और सीमा सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता इल्मेर कामाशो ने कहा कि पूछताछ इसलिए की गई क्योंकि शाह रूख़ का सामान नहीं आया था. प्रवक्ता ने कहा, "उनके दस्तावेज़ों की जांच की गई, जो सही पाए गए." एयरपोर्ट पर "साधारण" जांच के बाद शाह रूख़ को एक अलग कमरे में ले जाया गया जहां उन्हें इंतज़ार करना पड़ा, क्योंकि कई लोग वहां पहले से ही मौजूद थे. प्रवक्ता ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक घंटे में पूरी हो गई थी.

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अमेरिका में पासपोर्ट चेकिंग के दौरान इस तरह अंगूठे का निशान लिया जाता हैतस्वीर: AP

कामाशो ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया बहुत "पेशेवर तरीके" से पूरी की गई और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि शाह रूख़ को उनके नाम या फिर एशियाई होने की वजह से पूछताछ का सामना करना पड़ा. जब प्रवक्ता से शाह रूख़ की कही इस बात के बारे में पूछा गया कि इमीग्रेशन अधिकारी ने उनसे पूछा कि अमेरिका में किस काम से आए हो, तो कामाशो ने कहा, "हम अपनी नीति के तहत किसी मुसाफ़िर के बारे में सभी जानकारियों पर चर्चा नहीं कर सकते." उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में आने वाले किसी भी यात्री को जांच से गुज़रना होगा.

शाह रूख़ ख़ान ने मीडिया को बताया है कि वह बार-बार अमेरिकी इमीग्रेशन अधिकारियों को बताते रहे कि वह एक अभिनेता हैं और कि उन्हें कुछ ज़रूरी फ़ोन करने की इजाज़त दी जानी चाहिए. पर अमेरिकी अधिकारियों ने शुरूआत में उनकी एक न सुनी और कहा कि उन्हें कॉल करने की अनुमति नहीं है. शाह रूख़ ने एक ख़ास इमीग्रेशन अधिकारी का उल्लेख करते हुए कहा कि वह उनकी बात सुनने को तैयार ही नहीं था.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एम गोपालकृष्णन