शारापोवा के समर्थन में उतरे स्पॉन्सर
९ जून २०१६ऑस्ट्रेलियन ओपन 2016 के दौरान हुए डोपिंग टेस्ट में 29 साल की मारिया शारापोवा फंस गईं. मार्च में टेस्ट के नतीजे सामने आए. नतीजों की समीक्षा के बाद इसी हफ्ते अंतरराष्ट्रीय टेनिस संघ ने मारिया शारापोवा पर दो साल का प्रतिबंध लगाया है. हालांकि संघ ने स्वीकार किया कि रूसी टेनिस स्टार ने जानबूझकर प्रतिबंधित दवा नहीं ली. शारापोवा ने खुद भी यह स्वीकार किया. लेकिन इसके बावजूद उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया. पांच ग्रैंड स्लैम जीत चुकीं शारापोवा फैसले के खिलाफ अपील करने का ऐलान कर चुकी हैं.
डोपिंग विवाद के चलते ही शारापोवा फ्रेंच ओपन में भी हिस्सा नहीं ले सकीं. लेकिन अब नामी कंपनियां शारापोवा के समर्थन में आ रही हैं. स्पोर्ट्स किट बनाने वाली कंपनी एनवी और नाइकी जैसी दिग्गज कंपनियों ने साफ कहा है कि वह रूसी स्टार के साथ काम करती रहेंगी.
रैकेट कंपनी ने तो उनके साथ अपना करार भी आगे बढ़ा दिया है. एनवी के सीईओ जोहान एलियास तो टेनिस संघ पर ही बरस पड़े. उन्होंने प्रतिबंध के गलत फैसला करार दिया और कहा कि मेल्डोनियम वाडा की प्रतिबंधित दवाओं की सूची में होना ही नहीं चाहिए क्योंकि इसके पर्याप्त वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं कि इसके असर से प्रदर्शन बेहतर होता है. एलियास ने कहा, "कंपनी मिस शारापोवा के साथ खड़ी रहेगी." वाडा ने मेल्डोनियम को एक जनवरी 2016 में प्रतिबंधित दवाओं की सूची में डाला.
मार्च में डोपिंग टेस्ट के नतीजे आने के बाद स्पोर्ट्स वियर कंपनी नाइकी ने शारापोवा को अपनी प्रमोशनल गतिविधियों से हटा दिया था. लेकिन अब कंपनी का बोर्ड एक बार फिर रूसी स्टार के समर्थन में उतरा है. नाइकी को लग रहा है कि अंतरराष्ट्रीय टेनिस संघ ने सजा के नाम पर विवाद खड़ा कर दिया है. दिल की धमनियों और शिराओं की बीमारी में आराम देने वाली मेल्डोनियम के खिलाफ कम वैज्ञानिक सबूत, अनजाने में दवा लेना और स्पॉन्सरों का साथ देना, शारापोवा का डोपिंग मैच अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है. अंतरराष्ट्रीय टेनिस संघ को अपना रुख नरम करना पड़ सकता है.