शहरों में दलितों पर ज्यादा अत्याचार
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डाटा मुताबिक साल 2016 में दर्ज आपराधिक मामले बताते हैं कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे असुरक्षित राज्य है. साथ ही शहरी क्षेत्रों में दलितों के खिलाफ होने वाले अत्याचार बढ़ रहे हैं
सबसे अधिक गंभीर अपराध
रिपोर्ट मुताबिक, देश में सबसे अधिक गंभीर अपराध उत्तर प्रदेश में होते हैं. यहां महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की संख्या भी सबसे अधिक है. कुल अपराधों में उत्तर प्रदेश के बाद बिहार का नंबर आता है. लेकिन महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध उत्तरप्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक होते हैं.
दलितों पर अत्याचार
रिपोर्ट मुताबिक शहरी क्षेत्रों में दलितों पर होने वाले अत्याचार अब भी बना हुआ है. लखनऊ और पटना देश के दो ऐसे बड़े शहर हैं जहां ये अपराध सबसे अधिक है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार दो ऐसे राज्य हैं जहां दलितों के खिलाफ सबसे अधिक अपराध दर्ज किये गये हैं. तीसरे स्थान पर राजस्थान का नंबर आता है.
शहरों में स्थिति
शहरों की बात करें तो दलितों के खिलाफ अपराध में लखनऊ के बाद पटना और जयपुर का नंबर आता है. इसके बाद आईटी हब माने जाने वाले बेंगलुरू और हैदराबाद का स्थान आता है. बेंगलुरू को छोड़कर कर्नाटक में ये अत्याचार अन्य राज्यों के मुकाबले कम है.
स्थिति अब भी साफ नहीं
जाति आधारित अपराधों और अत्याचारों से जुड़े मामलों पर एनसीआरबी साल 2014 से डाटा जुटा रहा है लेकिन यह पहला मौका है जब ये आंकड़ें जारी किये गये हैं. ये रिकॉर्ड पुलिस द्वारा दर्ज किये गये मामलों पर आधारित है इसलिए संभव है कि जमीन पर हालात और भी खराब हो सकते हैं.
अपने हक से वाकिफ
शहरों में दलितों से जुड़ी आबादी के कोई आंकड़ें नहीं है इसलिए ये बता पाना कि शहरों में इन अपराधों का औसत क्या है, मुश्किल माना जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक शहरों में दलित अत्याचार के अधिक मामले सामने का कारण है कि शहरों में रहने दलित अपने अधिकारों के प्रति अधिक वाकिफ हैं. वे अपराधों को दर्ज कराते हैं.
बलात्कार के मामले
एनसीआरबी का डाटा देश में बलात्कार जैसे अपराध की बेहद ही गंभीर तस्वीर पेश करता है. साल 2016 में मध्यप्रदेश में बलात्कार के सबसे अधिक मामले दर्ज किये गये. इसके बाद उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का नंबर आता है.
राजधानी असुरक्षित
दिल्ली में हर घंटे 23 आपराधिक मामले दर्ज होते हैं. साल 2015 के मुकाबले इन मामलों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. आंकड़े मुताबिक देश में कुल दर्ज आपराधिक मामले में से 39 फीसदी मामले दिल्ली में दर्ज किेय गये.