शतरंज ओलंपियाड में भारत पिछड़ा
१ सितम्बर २०१२शशिकिरण दुनिया में सातवीं रैंकिंग के खिलाड़ी हिकारु नाकामुरा के साथ खेल में ड्रॉ तक नहीं पहुंच पाए. नहीं तो यह 13वें नंबर की रैंकिंग वाले भारतीय खिलाड़ी के लिए अच्छी जीत साबित हो सकती थी. खेल में मौके का फायदा भारत के जूनियर चैंपियन पी हरिकृष्णा उठा पाए जिन्होंने विश्व चैंपियनशिप के फाइनलिस्ट रहे गाता कामस्की पर जबरदस्त जीत हासिल की.
भारत के युवा ग्रैंडमास्टर्स परिमार्जन नेगी और अभिजीत गुप्ता ने अलेक्सैंडर ओनिश्चुक और वारुजान अकोबियन के साथ ड्रॉ किया.
इस ड्रॉ के कारण भारत को नुकसान उठाना पड़ा. आठ में सात अंको के साथ अब वह सबसे आगे नहीं बल्कि रूस, यूक्रेन, आर्मेनिया और हंगरी आठ अंकों के साथ आगे हैं. हर जीत के साथ दो अंक और ड्रॉ पर एक ही अंक मिलता है.
पुरुषों की स्थिति जहां ठीक ठाक है वहीं महिला शतरंज खिलाड़ी उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाईं और सर्बियाई महिलाओं के साथ गेम में उन्हें 2-2 के ड्रॉ से संतोष करना पड़ा.
अंतरराष्ट्रीय मास्टर तानिया सचदेव ने ईशा करवड़े की हार की क्षतिपूर्ति की. ईशा मारिया मानाकोवा से हार गईं जबकि डी हारिका को नातासा बोयकोविच के साथ मुकाबले में टॉप बोर्ड पर कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा.
एएम/एमजे (पीटीआई)