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वोडाफ़ोन के ख़िलाफ़ मुक़दमा

९ दिसम्बर २००९

नेटवर्क को बढ़ाने के चक्कर में फंसा वोडाफ़ोन. कंपनी के ख़िलाफ़ मध्यप्रदेश में मुक़दमा दर्ज. बिना इजाज़त प्राणी उद्यानों में टेलीफोन लाइन बिछाई. वन विभाग के सात कर्मचारियों पर भी गिरी गाज.

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यहां कोई नेटवर्क नहींतस्वीर: AP

'हमारा नेटवर्क आपको फॉलो करता रहेगा.' इस तरह के नारे बुलंद करने वाली कंपनी के ख़िलाफ़ ग़ैरकानूनी ढंग से ख़ुदाई और तार बिछाने का मुक़दमा दर्ज हुआ है. आरोप है कि वोडाफ़ोन ने दो प्राणी उद्यानों में वन विभाग की अनुमति लिए बिना केबल लाइन बिछाई.

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मुक़दमे की जानकारी देते हुए वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''वोडाफ़ोन एस्सार साउछ लिमिटेड के ख़िलाफ़ फ़ॉरेस्ट कंर्ज़वेशन एक्ट के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है. जांच में पता चला कि टेलीकॉम कंपनी ने रातापानी और सिंघोरी सेंचुरिज़ में ग़ैरकानूनी रूप से ख़ुदाई की और तार बिछाई.'' यह काम अगस्त में शुरू हुआ और अक्टूबर तक चला.

मामले के सामने आने के बाद एक रेंजर समेत वन विभाग के सात कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है. कर्मचारियों पर ड्यूटी में अनियमितता के आरोप लगे हैं. रातापानी और सिंघोरी सेंचुरिज़ के दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी भेजा गया है. वोडाफ़ोन के ख़िलाफ़ यह शिकायत एक पर्यावरणवादी एनजीओ प्रयत्न ने की थी. भारतीय फ़ॉरेस्ट कंर्ज़वेशन एक्ट के तहत सुरक्षित प्राणी उद्यानों में ऐसी कोई गतिविधि नहीं की जा सकती, जिससे जीव जंतुओं को किसी भी तरह की परेशानी हो. इन सुरक्षित क्षेत्रों में कोई भी काम करने के लिए वन विभाग की अनुमति लेनी भी ज़रूरी होती है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एम गोपालकृष्णन