वॉलंटियर्स के बिना नहीं हो सकते जर्मनी में चुनाव
जर्मनी में चुनाव के दिन कई सौ वॉलंटियर आपको सड़कों पर नजर आयेंगे, कुछ पर्चे बांटते हुए तो कुछ मतदाता सूची में नाम ढूंढने में आम लोगों की मदद करते हुए. चुनावों में वॉलंटियर्स भी अहम भूमिका निभाते हैं. डालते हैं एक नजर
वॉलंटियर्स का इम्तिहान
24 सितंबर का दिन न केवल राजनीतिज्ञों की परीक्षा का दिन है बल्कि उस दिन वॉलंटियर्स का भी इम्तिहान है. चुनाव के दिन मतदान केंद्र आम जनता के लिए भले ही सुबह 8 बजे से खुलेंगे लेकिन वॉलंटियर व्यवस्था बनाने के लिए समय से पहले पहुंचेंगे और शाम 6 बजे के बाद तक भी इन्हें काम करना होगा.
वालंटियर का चुनाव
जो भी व्यक्ति जर्मनी में मतदान की योग्यता रखता है, वह चुनावों में वॉलंटियर बन सकता है. इन्हें नगर प्रशासन सीधे तौर पर चुन सकता है. लेकिन अगर चुना गया व्यक्ति वॉलंटियर नहीं बनना चाहता तो उसे अपनी मनाही का ठोस कारण देना होता है. इसके अतिरिक्त वॉलंटियर बनने के इच्छुक लोग राज्य चुनाव आयोग या इससे जुड़े स्थानीय दफ्तर में भी जाकर अपना नाम दे सकते हैं.
ट्रेनिंग और जिम्मेदारी
चुनाव से कुछ दिन पहले, इन वॉलंटियर्स की ट्रेनिंग होती है और उन्हें चुनाव से जुड़े सभी कानूनी पहलुओं समेत एक वॉलंटियर के रूप में उनकी जिम्मेदारी से अवगत कराया जाता है. ये वॉलंटियर किसी राजनीतिक दल के सदस्य भी हो सकते हैं लेकिन चुनाव प्रक्रिया के दौरान इन्हें निष्पक्षता दिखानी होती है.
मतदान केंद्र पर वॉलंटियर
इस बार के आम चुनावों में तकरीबन 6.50 लाख वॉलंटियर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन वॉलंटियर्स को देश के 88 हजार मतदान केंद्रों पर नियुक्त किया गया है. इनमें से 73,500 मतदान केंद्र सामान्य केंद्र हैं जो जनता के लिए खुले होंगे, वहीं 14,500 ऐसे मतदान केंद्र हैं जिन्हें पोस्टल बैलट से किये गये मतों का ब्यौरा रखेने के बनाया गया है.
मेहनताने की दर
करीब पांच से नौ वॉलंटियर एक मतदान केंद्र पर रहेंगे. इन्हें अपने खर्चों के लिए लगभग 35 यूरो का भुगतान किया जाएगा, हालांकि यह भुगतान इससे अधिक भी हो सकता है. भुगतान दर का निर्णय मतदान केंद्रों पर निर्भर करती है.
मतदान के दौरान
मतदान प्रक्रिया शुरू होने से पहले वॉलंटियर दल यह सुनिश्चित करता है कि सारी व्यवस्था ठीक है या नहीं, सारे मतदान पत्र खाली है या नहीं. जैसे ही मतदान शुरू होता है वॉलंटियर की जिम्मेदारी होती है कि वह हर एक मतदाता को मतपत्र समेत लिफाफा दे. जर्मनी में मतदान आज भी पेपर-पेन से होता है. मतदान के पहले मतदाताओं की पहचान भी सुनिश्चित की जाती है.
मतदान पूरा होने के बाद
शाम छह बजे जब मतदान प्रक्रिया समाप्त हो जाती है. इसके बाद वॉलंटियर्स मतदान पेटियों को खोलते हैं और लिफाफों से मतपत्र निकाले जाते हैं. पूर्व निर्धारित प्रक्रिया अनुसार इन मतों को क्रम मे लगाया जाता है जिसके बाद तय होता है कि कोई मत वैध है या अवैध है. यहां से मतों की गिनती शुरू होती है.
अंतिम चरण
आखिरी चरण में मतपत्रों की संख्या की तुलना उन लोगों की संख्या के साथ की जाती है जिन्होंने उस विशेष मतदान केंद्र पर अपना मत डाला था. हर नागरिक के पास मतगणना प्रक्रिया को देखने और इसपर नजर रखने की अनुमति होती है. असल में ये वॉलंटियर्स भी एक दूसरे की निगरानी ही करते हैं.
नतीजों की घोषणा
मतदान के नतीजों को मतदान केंद्र, स्थानीय चुनाव कार्यालय को फोन या मैसेज के जरिये भेजते हैं. जिन्हें इसके बाद आगे भेजा जाता है और अंत में संघीय कार्यालय के पास पूरा ब्यौरा आता है. उसके बाद ही विजेता की घोषणा होती है.