1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

वीडियो: नदी में क्रैश हुआ बैलून

ओंकार सिंह जनौटी४ मई २०१६

विशाल गुब्बारे के जरिये हवा में उड़ना लोगों को खासा अच्छा लगता है लेकिन अगर गुब्बारा नदी में क्रैश हो जाए तो?

https://p.dw.com/p/1Ihfm
Heißluftballons beim Internationalen Heißluftballonfestival in León
तस्वीर: Larissa Becks

हॉलैंड में ऐसा ही कुछ हुआ. 10 लोगों का एक ग्रुप हॉट एयर बैलून का आनंद उठाने निकला. गुब्बारा जब आकाश में बहुत ऊपर पहुंच गया तब लोगों को पता चला कि गैस कम है. इसके बाद बैलून पायलट ने इमरजेंसी संदेश भेजा और गुब्बारे को इमरजेंसी लाइट जलाते हुए नीचे उतारना शुरू किया. लेकिन वक्त बीतने के साथ गैस खत्म होती चली गई. आखिर में एक नदी के ऊपर बिल्कुल भी गैस नहीं बची.

इसके बाद वही हुआ जिसकी आशंका थी. लोगों को सवारी कराने वाली बास्केट धड़ाम से नदी से टकराई. बैलून भी हवा के बहाव के चलते क्रैश करता हुआ नदी के तट तक पहुंच गया और बास्केट फिर तट से टकराई. हादसे में दो लोगों को गंभीर चोटें आई. बाकी 8 लोगों को हल्की फुल्की चोटें लगीं.

हॉट एयर बैलून विज्ञान के सामान्य सिद्धांत पर काम करता है. आम तौर पर विशाल बैलून के नीचे गैस बर्नर होता है. इसकी मदद से आग की लपटें पैदा की जाती हैं. आग गर्म हवा को गुब्बारे में भेजती है. ठंडी हवा के मुकाबले हल्की होने वाली गर्म हवा गुब्बारे को उड़ाने लगती है. मौसम अच्छा हो तो हॉट एयर बैलून की सवारी गजब का अनुभव होता है. लेकिन तेज हवा, खराब मौसम या गैस की कमी हो तो ये बेहद जोखिम भरी सवारी है.