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वीडियो: ऐसे चूके मेसी

ओएसजे/आरपी२७ जून २०१६

देखिये कोपा अमेरिका कप का वो पेनल्टी शूटआउट, जिसके बाद लियोनेस मेसी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहा.

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तस्वीर: Reuters/Adam Hunger-USA TODAY Sports

पेनल्टी शूटआउट, फुटबॉल के खेल में यह ऐसा लम्हा है, जहां दर्शकों की सांस अटक जाती है. खिलाड़ियों को देखकर तो ऐसा लगता है जैसे पूरे ब्रह्मांड का दबाव उन पर हो. जितना तनाव गोलकीपर पर होता है उतने ही तनाव में किक मारने वाला खिलाड़ी भी होता है.

बीते 20 साल में गोलकीपर और टीम मैनेजमेंट काफी तेज हुए हैं. वो इस बात का पूरा हिसाब किताब रखते हैं कि कौन सा खिलाड़ी किस तरफ पेनल्टी मारता है. आम तौर पर खिलाड़ी बाएं, दाएं, सेंटर में या फिर बॉली बनाकर ऊपर की ओर किक मारते हैं. लेकिन पेनल्टी में बॉली बनाकर गेंद को ऊपर की तरफ मारना रिस्की होता है. बॉल स्विंग करती हुई गोल पोस्ट के बाहर या फिर ऊपर जा सकती है. लिहाजा ज्यादातर खिलाड़ी बॉली किक का जोखिम नहीं लेते.

रविवार को कोपा अमेरिका के फाइनल में मेसी ने यह रिस्क लिया और वही हुआ जिसका डर था. गेंद दाहिनी ओर लहराती हुई गोलपोस्ट के बाहर चली गई. पेनल्टी वो भी गोल के बाहर मारना अपराध जैसा माना जाता है, मेसी इसी अपराध का शिकार हुए.

वैसे बीते कुछ दिनों में यह चौथा मौका है जब बड़े सितारे पेनल्टी में चूके हो. यूरो 2016 में रोनाल्डो, मेसी, ओएजिल और रामोस जैसे खिलाड़ी पेनल्टी में चूके हैं. कोपा अमेरिका कप के फाइनल में चिली के विडाल और अर्जेंटीना के मेसी भी गच्चा खा गए.

असल में पेनल्टी में गोलकीपर और किक मारने वाले के बीच 50-50 का चांस होता है. गोलकीपर सही अंदाजा लगा गया तो गोल रोका जा सकता है. गलत अनुमान लगा तो गोल होगा. आखिरी मौके पर किक बदलना जोखिम भरा होता है, जाहिर है ऐसा जोखिम बड़े खिलाड़ी ही लेते हैं, ज्यादातर मौकों पर वह सफल हो जाते हैं, लेकिन कभी कभार नाकाम भी होते हैं. और उस नाकामी का दबाव बड़े बड़े सितारों को झकझोर देता है.