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विश्व पुस्तक मेला और कॉमनवेल्थ गेम्स

रिपोर्ट: अनवर जे अशरफ़, नई दिल्ली२९ जनवरी २०१०

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पुस्तक मेले में कॉमनवेल्थ खेलों पर ख़ास ध्यान दिया गया है. दिल्ली में इस साल होने वाले खेलों को देखते हुए इस पर 550 से ज्यादा किताबें जारी की जा रही हैं. नई दिल्ली से ख़ास रिपोर्ट.

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नई दिल्ली में शुरु हो रहा है विश्व पुस्तक मेलातस्वीर: DW

प्रगति मैदान में शनिवार से शुरू हो रहे विश्व पुस्तक मेले में जर्मन रेडियो डॉयचे वेले और जर्मनी के मशहूर फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले का भी प्रतिनिधित्व है. देश विदेश के लगभग 1000 प्रकाशक दिल्ली में जुट चुके हैं.

दिल्ली में ही इस साल होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स को पुस्तक मेले में अलग जगह मिली है. इसका उद्देश्य खेल साहित्य को पहचान दिलानी है. कॉपीराइट के मुद्दे पर जागरूकता पैदा करना है.

Buchmesse in Neu Delhi 2010
पुस्तक मेले में डॉयचे वेले हिन्दी का स्टॉलतस्वीर: DW

भारत के 75 से ज्यादा प्रकाशक खेल से जुड़ी 700 से अधिक पुस्तकें जारी कर रहे हैं.

इंडियन ट्रेड प्रमोशन ने इस बार किरायों में वृद्धि की है, जिसकी वजह से प्रकाशकों में मायूसी है, फिर भी अंतरराष्ट्रीय पवैलियन पूरी तरह भरा है.

जर्मन रेडियो डॉयचे वेले के ख़ास स्टाल के अलावा विश्व प्रसिद्ध फ्रैकफर्ट पुस्तक मेले की भी यहां भागीदारी है. फ्रैंकफर्ट में दुनिया का सबसे बड़ा सालाना पुस्तक मेला लगता है. भारत में मशहूर अमेरिकेन लायब्ररी ने भी अपना खास स्टॉल लगाया है.

Buchmesse in Neu Delhi 2010
भारतीय इतिहास की एक झलकतस्वीर: DW

भारत की राजधानी में हर दो साल पर पुस्तक मेला आयोजित होता है, जिसमें दुनिया भर की भागीदारी होती है. मेले के आयोजक नेशनल बुक ट्रस्ट के चैयरमैन बिपिन चन्द्र की मांग है की यह मेला सालाना आयोजित किया जाना चाहिए. फ्रांकफुर्ट और बीजिंग जैसे दुनिया के बड़े पुस्तक मेले हर साल आयोजित होते हैं.

भारत के मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल शनिवार को मेले का उद्घाटन कर रहे हैं.