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विवादों के कारण मुरली का प्रदर्शन ढीला रहा

Priya Esselborn१० अगस्त २०१०

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच जॉन बुखनन का मानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई अंपायरों और फैन्स की आलोचना के कारण यहां उनका प्रदर्शन कभी बहुत अच्छा नहीं कर पाया. बुखनन कहते हैं कि उनके एक्शन की ऑस्ट्रेलिया में काफी आलोचना हुई.

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तस्वीर: AP

ऑस्ट्रेलिया श्रीलंकाई स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के लिए कभी भी आसान पिच नहीं रहा. ऐसा मानना है ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कोच जॉन बुखनन का.

दुनिया भर में अपनी गेंदो से कहर बरपाने वाले मुरली ऑस्ट्रेलिया में कुछ ढीले रहे. 13 टेस्टों में वे 59 विकेट ही ले पाए. जबकि इंग्लैंड के खिलाफ 16 टेस्ट मैचों में उन्होंने 112 विकेट चटकाए. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनके नाम 15 टेस्ट में 104 और भारत के खिलाफ 22 टेस्ट मैचों में 105 विकेट हैं.

Cricket Spieler aus Srilanka Muttiah Muralitharan
ऑस्ट्रेलिया में आलोचना ने परेशान कियातस्वीर: AP

बुखनन ने डेली टेलीग्राफ अखबार से बातचीत में कहा कि किसी भी स्पिनर के लिए ऑस्ट्रेलिया के पिच बहुत शानदार साबित हो सकते हैं क्योंकि चार पांच दिन के मैचों के लिए ये बहुत अच्छे हैं. "शुरुआती दौर में अंपायर और यहां के फैन्स के मुरली की एक्शन के कड़े आलोचक थे. इस कारण हो सकता है कि ऑस्ट्रेलिया के दौरे में वे सहज नहीं खेल सके हों. अपने मैदान पर ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका के साथ कम ही खेला है. 2004 में ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका से सीरीज 3-0 से जीती थी. इस सीरीज के लिए टीम ने काफी चर्चा की कि कैसे मुरली को काबू में रखा जाए."

बुखनन मुरली की तारीफ में कहते हैं, "किसी भी खेल में बहुत कम खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो अपने सपने को साकार करते हुए खेल से विदा लेते हैं. मुरली ने ऐसा किया है और इसके लिए उन्हें अच्छी विदाई दी जानी चाहिए."

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः एन रंजन

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