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लोकतंत्र की रक्षा के लिए सजग रहने की अपील

१८ जनवरी २०१७

राष्ट्रपति योआखिम गाउक ने पद छोड़ने से पहले अपने अंतिम महत्वपूर्ण भाषण में लोगों से बढ़ते खतरों की रोशनी में लोकतंत्र की रक्षा करने की अपील की है.

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Bundespräsident Joachim Gauck - Neujahrsempfang
तस्वीर: picture alliance/dpa/S. Stache

राष्ट्रपति गाउक ने राष्ट्र के नाम अपना आखिरी संबोधन बर्लिन स्थित राष्ट्रपति निवास वेलेव्यू पैलेस से किया. उनके भाषण का विषय था, "हमारा देश कैसा हो?" राष्ट्रपति ने इस मौके का उपयोग लचीले लोकतंत्र और मजबूत सुरक्षा नीति के महत्व पर जोर देने के लिए. उन्होंने लोगों से कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी उठाने से न घबरायें.

योआखिम गाउक ने जर्मनी को अब तक का "सबसे अच्छा और सबसे लोकतांत्रिक जर्मनी" बताया. लेकिन साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि "उदारवादी लोकतंत्र और पश्चिम का राजनीतिक और मानक वाला प्रोजेक्ट" हमले का सामना कर रहा है.

फरवरी में पद छोड़ रहे जर्मन राष्ट्रपति ने कहा कि सिर्फ एक लचीला लोकतंत्र ही हिंसा और आतंक के खतरे को पराजित कर पाएगा. उन्होंने लोगों से मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए लोकतंत्र की रक्षा के लिए और ज्यादा प्रयास करने की अपील की.

एमजे/एके (डीपीए)