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लेबनान में भड़की हिंसा

सुनन्दा राव८ मई २००८

लेबनान में हिज़बोल्लाह और सरकार समर्थकों के बीच लड़ाई भड़कने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने लेबनान के लिए समर्थन व्यक्त किया है। साथ ही महासचिव बान की मून ने लेबनान में विपक्ष से नाकेबंदी हटाने की अपील की है।

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बेरूत में हिज़बोल्लाह और सरकारी समर्थकों के बीच लड़ाई के दौरान घायल पत्रकारतस्वीर: AP

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि ने चेतावनी दी है कि स्थिति एक बार फिर गृह युद्ध जैसी प्रतीत हो रही है। देश में सरकार के समर्थकों और हिज़बोल्लाह के नेतृत्व में विपक्ष के बीच एक बार फिर सड़कों पर मुठभेड़ की खबर है।

हिज़बोल्लाह का युद्ध का ऐलान

ये लड़ाई तब शुरू हुई जब हिज़बोल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने सरकार द्वारा उसके दूरसंचार नेटवर्क के बंद किये जाने को युद्ध का ऐलान बताया। नसरल्लाह ने कहा कि जो कोई भी हिज़बोल्लाह को खत्म करने की कोशिश करेगा, उसके हाथ काट दिये जाएंगे।

Proteste im Libanon gegen steigende Lebensmittelpreise
महंगाई के चलते सरकार के विरोध में हिंसक प्रदर्शनतस्वीर: AP

बेरूत में पिछले दो दिनों से आम जनजीवन ठप्प है। इस सब की शुरुआत देश में बढ़ती महंगाई के कारण विपक्ष द्वारा बुलाई गई आम हड़ताल से हुई, लेकिन कुछ ही घंटों में स्थिति काफी बिगड़ गई। विपक्षी कार्यकर्ताओं ने कई महत्वपूर्ण सड़कों की नाकेबंदी कर रखी है। सरकार का कहना है कि हिज़बोल्लाह देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है। लेबनानी मंत्री अहमद फटफट के अनुसार "सड़कों पर मिलीशिया का होना दर्शाता है कि कर्मचारियों की मांगों की आड़ में राजनीति की जा रही है।"

सेना की एकता पर चिंता

इससे पहले लेबनान की सेना ने चेतावनी दी थी कि अगर राजनीतिक संकट और नागरिक अशांति यूं ही चलती रही तो सेना में एकता बिखरने का खतरा है। पिछले वर्षों में लेबनान की सेना को देश की सबसे निष्पक्ष संस्था माना जाता रहा है और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आपस में लड़ रही पार्टियां सेना को इसमें घसीट सकती हैं।

गुरुवार के दिन, मध्य और दक्षिण बेरूत में स्थिति तनावपूर्ण रही जहां सुन्नी और शिया समुदाय आपस में मिल कर रहते हैं। एक दिन पहले ही वहां के मुहल्लों से गोलीबारी की खबर मिली। लेकिन अब तक किसी जान के नुकसान की खबर नहीं मिली है। रिपोर्टों में ये भी बताया जा रहा है कि हिज़बोल्लाह समर्थक सरकारी दफ्तरों पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

लेबनान में मुठभेड़ों की ख़बर आने के बाद अमेरिकी सरकार ने कहा है कि वह लेबनान की स्थिति को लेकर चिंतित है। सरकार और विपक्ष के बीच मतभेदों के कारण पिछले पांच महीनों से देश में राजनीतिक संकट बना हुआ है। उसकी वजह से अब तक देश का राष्ट्रपति भी नहीं चुना जा सका है।