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लेबनान में जगी हिंसा थमने की उम्मीद

अशोक कुमार ११ मई २००८

लेबनान में विपक्षी हिज्बुल्लाह पश्चिमी बेरुत पर अपना कब्जा खत्म करने के लिए राजी हो गया और शुक्रवार से वहां जमे उसके लड़ाकों ने इलाके से हटना शुरू कर दिया है, जिससे वहां जारी खूनी झड़पों के खत्म होने की उम्मीद जगी है।

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कई दिनों से जारी हिंसा में 35 जानें जा चुकी है।तस्वीर: AP

हिज्बुल्ला ने यह कदम अपने खिलाफ उठाए गए सरकार के कदमों पर सेना द्वारा रोक लगाए जाने बाद उठाया है। पश्चिम के समर्थन वाली लेबनानी सरकार और कट्टरपंथी हिज्बुलाह के समर्थकों के बीच इन झड़पों में अब तक कम से कम 35 लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से 16 लोग शनिवार को ही राजनीतिक हिंसा का शिकार बने।

सेना ने की पहल

मौजूदा टकराव की शुरुआत हफ्ते भर पहले उस वक्त हुई जब सरकार का साथ दे रहे नेता वालिद जुमब्लाट और बहुतमत वाली पार्टी के नेता साद हरीरी ने इल्जाम लगाया कि हिज्बुल्ला अपना संचार नेटवर्क स्थापित कर रहा है औऱ राजधानी बेरुत के हवाई अड्डे पर नजर रखने के लिए उसके आसपास कैमरे लगवा रहा है। इन दोनों नेताओं ने बेरुत हवाई अड्डे के मुख्य सुरक्षा अधिकारी को हटाने की मांग की थी, जिसे हिज्बुलाह का समर्थक माना जाता है।

Fuad Siniora zur Lage im Libanon
प्रधानमंत्री सिनियोराः हिज्बुल्ला ने की तख्तापलट की कोशिशतस्वीर: AP

लेकिन अब, जबकि यह सरकार व विपक्ष का टकराव लगातार खतरनाक खूनी संघर्ष में बदलता जा रहा था तो सेना को आगे आना पड़ा। हिज्बुल्ला ने सेना की इस पेशकश को मान लिया है कि संचार नेटवर्क स्थापित करने के मामले की जांच वह खुद करेगी, और बेरुत हवाई अड्डे के प्रमुख को भी नहीं बदला जाएगा, लेकिन इस मामले की भी पड़ताल होगी।

हिज्बुल्ला चिंता का कारण

अमेरिका ने लेबनान में ताजा घटनाक्रम का स्वागत किया है, लेकिन हिज्बुल्लाह को अब भी अपनी चिंता की कारण करार दिया है। अमेरिका के मुताबिक हिज्बुल्लाह बराबर परेशानियां पैदा कर रहा है और उसे ईरान व सीरिया का समर्थन मिल रहा है। ताजा झड़पें शुरू होने के बाद कल पहली बार बयान देने वाले लेबनानी प्रधानमंत्री ने फुआद सिनिओरा ने कहा कि हिज्बुल्लाह ने देश में तख्तापलट करने की कोशिश की।