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लाहौर में दरगाह पर धमाके, 42 मरे

२ जुलाई २०१०

पाकिस्तान के शहर लाहौर में एक सूफी दरगाह पर एक के बाद एक तीन आत्मघाती बम धमाकों में 42 लोग मारे गए हैं. गुरुवार की रात हुए इस हमले में 175 लोग घायल भी बताए जाते हैं.

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तस्वीर: AP

एक हमलावर ने दरगाह के प्रवेश द्वार पर खुद को उड़ा दिया. उस वक्त वहां काफी भीड़ थी. वहीं दूसरे आत्मघाती हमलावर ने तहखाने में धमाका किया, जहां दरगाह में दाखिल होने से पहले लोग अपने हाथ पैर धोते हैं. चश्मदीदों के मुताबिक तीसरे हमलावर ने व्यस्त बाजार से लगे दरगाह के एक अन्य हिस्से में खुद को उड़ाया.

लाहौर के कमिश्नर खुसरो परवेज ने बताया कि इन धमाकों में 42 लोग मारे गए हैं और घायलों में 25 की हालत गंभीर है. जिला प्रशासन के प्रमुख सज्जाद भुट्टा के मुताबिक तीनों धमाकों को आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया. मरने वालों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.

स्थानीय समय के अनुसार रात 11 बजे के बाद चंद मिनटों के भीतर हुए इन धमाकों से दरगाह में अफरातफरी मच गई. इस दरगाह में हर गुरुवार को विशेष प्रार्थना के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. धमाकों के बाद पुलिस से जगह को चारों तरफ से घेर लिया है जबकि राहतकर्मी घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जा रहे हैं.

टीवी पर प्रसारित घटनास्थल के विडियो में मलबा, जूते और दरगाह के फर्श पर खून के निशान दिखाए गए हैं. तहखाने में हुए धमाके से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. धमाके से तहखाने की छत नीचे आ गई है, जहां बहुत से लोग मौजूद थे. पुलिस को हमलावरों के सिर और अंग मिले हैं जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है.

दाता दरबार सैयद अबु हसन बिन उस्मान बिन अली अल-हजवेरी की दरगाह है, जिन्हें लाहौर का सरपरस्त फकीर समझा जाता है. किसी भी गुट ने अभी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन तालिबान सूफी दरगाहों में लोगों के आने का विरोध करते रहे हैं.

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने दाता दरबार में हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. जरदारी ने कहा है कि इस तरह की आतंकवादी गतिविधियां सरकार को अपने संकल्प से नहीं डिगा सकती हैं जिसने आतंकवाद और उग्रवाद को खत्म करने की ठान रखी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़