लाइटर और बैटरियों की वजह से एयरपोर्ट ठप
३० मार्च २०१८नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ऑपरेट करने वाली कंपनी डायल के मुताबिक सप्ताहांत से पहले बड़ी संख्या में यात्री एयरपोर्ट पहुंचे. यात्रियों के साथ उनके सूटकेस और बैग भी आए. बैगों में मौजूद खतरनाक और प्रतिबंधित सामग्री में 30 फीसदी का इजाफा देखा गया. डायल का कहना है कि सबसे ज्यादा मुश्किल लगेज में मौजूद "पावर बैंक और लाइटरों" से हुई.
विस्फोट की आशंका के चलते पावर बैंक और लाइटरों को प्रतिबंधित सामग्री माना जाता है. बड़ी मात्रा में ये चीजें मिलने से लगेज क्लीयर करने में देरी होने लगी और धीरे धीरे पूरा सिस्टम ठप पड़ गया. इसका असर सैकड़ों यात्रियों पर पड़ा. कइयों के सूटकेस लापता हो गए और कई विमान देरी से उड़े.
डायल ने अपने बयान में कहा, "इसका असर बैगेज हैंडलिंग प्रोसेसिंग पर पड़ा, संदिग्ध सामान को मैनुएल तरीके से यात्री तक ले जाना और फिर प्रतिबंधित चीज को हटाया गया."
एयरपोर्ट में ऐसी अव्यवस्था के चलते यात्री काफी परेशान हुए. दिल्ली से दूसरे शहरों की उड़ान भरने वाले कई यात्रियों को मंजिल पर पहुंचने के बाद अपने बैग ही नहीं मिले. विस्तारा और जेट एयरवेज ने यह माना कि कई यात्रियों के बैग दिल्ली में विमान पर लोड ही नहीं हुए. एयरलाइन कंपनियों ने लोगों से आश्वासन दिया है कि उनके बैग जल्दी ही डिलीवर कर दिए जाएंगे.
नई दिल्ली एयरपोर्ट दुनिया के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है. हर साल इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल करीब छह करोड़ लोग करते हैं. यात्रियों की संख्या के लिहाज से यह दुनिया का 16वां व्यस्त एयरपोर्ट है.
ओएसजे/एमजे (डीपीए)