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रूस में हजारों वोलंटियर रखेंगे चुनाव पर नजर

१ मार्च २०१२

रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और दसियों हजार लोगों ने दिसंबर में संसदीय चुनाव जैसे घोटाले को रोकने के लिए मतदान की मॉनिटरिंग करने के लिए नाम लिखाया है. प्रधानमंत्री व्लादीमिर पुतिन के चुनाव जीतने की संभावना है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

दिसंबर में राजधानी मॉस्को के पोलिंग बूथ नम्बर 81 पर मतगणना दस्तावेज पर अधिकारी दस्तखत कर पाते, उससे पहले ही रिटर्निंग ऑफिसर पेपर लेकर लापता हो गई. मतदान अधिकारियों ने रात 1 बजे तक इंतजार किया और उसके बाद घर चले गए. बाद में एक गार्ड ने उनमें से एक को बताया कि रिटर्निंग ऑफिसर क्लावदिया टिटोवा मकान के पहले माले की खिड़की से निकल गई थी. अदालती दस्तावेजों के अनुसार अगले दिन जब वह लौटी तो पुतिन की पार्टी के खाते में 322 अतिरिक्त वोट जोड़ दिए गए थे. एक अधिकारी ने तो कहा कि उसका दस्तखत भी फर्जी है.

इन रिपोर्टों के कारण ही दसियों हजार लोगों ने रविवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपना नाम मॉनीटर के रूप में दर्ज कराया है. वे दिसंबर के चुनाव जैसी अनियमितताओं को रोकना चाहते हैं. चुनावी धांधली के आरोपों के बाद यूरोप में नागरिक समाज चौकन्ना हो उठा है और उसके बाद से पुतिन के सत्ता में आने के बाद से पहली बार सबसे बड़ा  पुतिन विरोधी आंदोलन शुरू हो गया है.

जीत की संभावना

पुतिन 12 साल पहले राष्ट्रपति बने थे और सत्ता पर उनका नियंत्रण इतना मजबूत है कि इस चुनाव में भी उनके जीतने की पूरी संभावना है. एक आईटी कंपनी में ट्रांसलेटर का काम कर रही 28 वर्षीया नताशा वोस्त्रिकोवा कहती हैं, "मेरे दिमाग में पहले कभी नहीं आया था कि एक सामान्य नागरिक भी वोट मॉनीटर हो सकता है. लेकिन दिसंबर के चुनावों के बाद मैंने दोस्तों से सुना और सोचा कि मैं भी कुछ कर सकती हूं."

नताशा उन सौ लोगों में शामिल हैं जिन्होंने रविवार को अपनी छुट्टी की परवाह न करते हुए चार घंटे के लेक्चर में हिस्सा लिया जिसमें मॉनीटरों को चुनाव कानून के बारे में बताया गया. यह ट्रेंनिंग वोट मोनीटरिंग करने वाले स्वतंत्र संगठन करा रहे हैं. नताशा कहती हैं, "पहले कभी राजनीति की इतनी बात नहीं होती थी. अब लोग बात ही नहीं कर रहे, वे कार्रवाई भी कर रहे हैं."

स्वतंत्र मॉनीटर

वोट मॉनीटरिंग के लिए नाम लिखा रहे बहुत से वोलंटियरों का कहना है कि वे किसी खास राजनीतिक दल के साथ जुड़े नहीं हैं. स्वतंत्र संगठन उन्हें रजिस्टर कर रहे हैं और फिर उन मतदान केंद्रों पर भेज रहे हैं जहां दिसंबर के चुनाव में पुतिन की यूनाईटेड रशिया पार्टी को संदेहास्पद रूप से बहुत ज्यादा वोट मिले थे. क्रेमलिन ने संसदीय चुनाव में धांधली के आरोपों का खंडन किया है और फिर से मतदान कराने की मांग ठुकरा दी है.

आठ साल तक राष्ट्रपति और फिर चार साल तक प्रधानमंत्री रहने के बाद चुनाव लड़ रहे पुतिन ने कहा है कि वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं. उन्होंने देश भर में 91,000 पोलिंग बूथ पर 182,000 वेब कैमारे लगाने के आदेश दिए हैं ताकि धांधली न हो सके. लेकिन पुतिन विरोधियों ने 25 अरब रुपए के खर्च वाले इस  महंगे प्रोजेक्ट को ढोंग बताते हुए कहा है कि उन्हें अभी भी धांधली का डर है.

भारी उत्साह

वोट मॉनीटरिंग की योजना बना रहे गुटों का कहना है कि उनके पास इतने मॉनीटर जमा हो गए हैं कि वे मॉस्को के हर बूथ पर चार से पांच लोगों को भेज सकते हैं. इनमें अस्पतालों और सीनियर होम जैसे सरकारी संस्थान भी शामिल हैं. दिसंबर में इन जगहों पर हुए मतदानों में यूनाईटेड रशिया पार्टी को बहुत वोट मिले थे. कुल मिलाकर 30,000 वोलंटियरों ने नए ऑनलाइन सर्विस में मोनीटरिंग के लिए अपना नाम दर्ज कराया है. भ्रष्टाचार विरोधी ब्लॉगर अलेक्सी नावाल्नी कहते हैं कि जागरूकता दिखाना अचानक ट्रेंडी हो गया है. "बड़ी संख्या में लोगों ने जगना शुरू कर दिया है."

कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार गेनादी जुगानोव की प्रचार टीम का कहना है कि उन्हें लोगों के उत्साह पर अचंभा हुआ है. 50 से ज्यादा लोगों ने हिंसा के जोखिम के बावजूद चेचन्या जाने की इच्छा प्रकट की है जहां पुतिन की पार्टी को दिसंबर में 99 फीसदी मत मिले थे. अरबपति उम्मीदवार मिखाइल प्रोखोरोव ने कहा है कि 30,000 लोगों ने उनकी प्रचार टीम के साथ संपर्क किया है. पुतिन के कैंप में 65 हजार लोगों ने अपना नाम चुनाव पर्यवेक्षक के तौर पर दर्ज कराया है.

रिपोर्टः रॉयटर्स/महेश झा

संपादनः एन रंजन