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रूस में शराबखोरी पर नकेल, वोडका महंगी

१ जनवरी २०१०

रूस में वोडका गटकना अब आसान नहीं. सरकार देश में बढ़ती नशाखोरी से निजात पाने के लिए कड़े नियम लागू कर रही है. वोडका की न्यूनतम कीमत तय करने से जुड़ा एक क़ानून अमल में ले आया गया है.

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रूस में बढ़ती शराबखोरीतस्वीर: AP

रूस के राष्ट्रपति दिमीत्री मेदवेदेव देश में एल्कोहल के बेतहाशा इस्तेमाल से चिंतित हैं और उनका कहना है कि नई योजना से शराबियों की आदतों में नकेल कसी जाएगी. एक आंकड़े के मुताबिक एक औसत रूसी व्यक्ति हर साल 18 लीटर विशुद्द एल्कोहल डकार जाता है. और चिंता की बात ये है कि हर साल बेशुमार शराब पीने से सैकड़ों रुसियों की मौत हो जाती है. अब राष्ट्रपति मेदवेदेव शराब की लत छुड़ाने के लिए एक अभियान लेकर आए हैं. इसकी शुरुआत वोडका की कीमतें तय करके की गई है.

शुक्रवार से लागू इस क़ानून के मुताबिक वोडका की आधा लीटर की बोतल यानी अद्धा 89 रूबल का मिलेगा. यानी दो यूरो या तीन डॉलर. सरकार का एक आयोग हर साल न्यूनतम कीमतों की समीक्षा करेगा और इससे अत्यधिक शराब सेवन पर रोक लगाई जा सकेगी. लेकिन रूस में कई डॉक्टरों का कहना है कि कीमत तय कर देने से लोग ख़तरनाक विकल्पों की तरफ़ मुड़ सकते है. मसलन स्पिरिच पीना या कोई और कच्ची शराब.

kosheren Vodka
कई स्वादों की वोडकातस्वीर: Picture-alliance/ZB

साल के अंत में सरकारी टीवी पर देश के नाम संदेश में मेदवेदेव ने नए नियमों के बारे में बताया और शराबखोरी की बुराइयों पर देश की जनता को आगाह किया. उन्होंने कहा कि सरकार शराब पीकर गाडी़ चलाने वालों के ख़िलाफ़ अपनी कड़ी नीति फिर लागू करेगी. उनका कहना था, ''शराब की लत वाले शख़्स का दिमाग फिर जाता है. पहले एक शॉट..ये तो चलता है. फिर दूसरा...फिर तीसरा...और फिर तो एक के बाद एक. शराब पीकर गाड़ी चलाने की छूट नहीं दी जा सकती.''

Wodka Flaschen der Marke Spetszakaz
तस्वीर: AP Photo

जुलाई 2008 में ये नियम हटा लिया गया था. लेकिन मेदवेदेव का कहना है कि इस प्रतिबंध को फिर से लागू किया जाएगा. रूस में नए साल और क्रिसमस के आगमन का जश्न कुछ ज़रा ही ज़ोरदार ढंग से मनाया जाता है. और ये काफ़ी लंबा चलता है. यानी एक जनवरी से 11 जनवरी तक. और इस दौरान शराब की बंपर खपत होती है.

वोद्का के अलावा सरकार ने बीयर को लेकर भी कड़े नियम बनाए हैं. एक्साइज़ ड्यूटी तिगुना कर दी गई है और इस बारे में विचार किया जा रहा है कि बीयर कब और कहां कहां बेची जा सकती है. सड़क किनारे बने किओस्कों पर बीयर की बिक्री पर रोक लगाने पर विचार किया जा रहा है. पूर्व रूसी राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचौफ ने भी शराब की लत के ख़िलाफ़ एक तरह से युद्धस्तर पर कार्रवाई की थी. हालांकि उसका विपरीत असर भी हुआ और बड़े पैमाने पर ग़ैर क़ानूनी ढंग से शराब बनाई जाने लगी. गोर्बाचौफ की लोकप्रियता में भी शराब विरोधी अभियान से कमी आई.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस जोशी

संपादन: ओ सिंह