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रूस करेगा सैन्य सशस्त्रीकरण

१८ मार्च २००९

रूस अब लंबी ख़ामोशी के बाद सेना को फिर से सुसज्जित यानी नए हथियारों से लैस करने की राह पर चल पड़ा है. रूसी राष्ट्रपति दमीत्री मेदवेदेव ने एलान किया है कि सेना का व्यापक सशस्त्रीकरण 2011 से शुरू होगा.

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सेना को चमकाने की कोशिशतस्वीर: AP

रूसी राष्ट्रपति दमीत्री मेदवेदेव का कहना है कि रूसी सैन्य बलों की युद्ध तत्परता प्राथमिक काम है और इसमें भी सबसे पहले सामरिक एटमी बलों को तैयार किया जाएगा. रूस का तर्क है कि रूसी सीमाओं के पास नैटो का विस्तार हो रहा है और क्षेत्रीय संघर्षों ने भी रूस की चिंता बढ़ा दी है. पिछले साल ही सरकार ने रूस के सैन्य बलों पर अगले दो साल में खर्च बढ़ाने की योजना तैयार की थी. 2011 तक रूस ज़ोर शोर से हथियार खरीदेगा और इसमें उसके क़रीब 95 अरब डॉलर खर्च होंगे.

Russland Dmitri Medwedew Präsident im Interview mit Financial Times
मेदवेदेव का एलानतस्वीर: AP

माना जा रहा है कि तेल उत्पादन में अच्छे राजस्व की उगाही के दम पर ही सरकार सैन्य बजट बढ़ाने की सोच रही है. रूसी सेना के सुप्रीम कमांडर के रूप में रक्षा मंत्रालय की बैठक में अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति मेदवेदेव ने कहा कि बजट का एक उल्लेखनीय हिस्सा आधुनिक सैन्य उपकरणों के विकास और ख़रीद में दिया जा रहा है. मेदवेदव का तर्क है कि वित्तीय समस्याओं के बावजूद हमें आज के हालात को भी देखना है.

विशेषज्ञों का कहना है कि, जॉर्जिया के साथ हाल के एक युद्ध में रूसी सेना की समस्याएं उजागर हुई हैं. पुराने सैन्य साजोसामान को बदलने की मांग उस समय से और तेज़ होने लगी. रूसी राष्ट्रपति मेदवेदेव की सैन्य सशस्त्रीकरण के पक्ष में की गयी टिप्पणी अमेरिका में बराक ओबामा की सरकार से रूस की कूटनीतिक खींचतान की तरफ़ भी इशारा करती है.

रूसी सुरक्षा परिषद इन दिनों एक नया सैन्य सिद्धांत विकसित कर रही है जिसमें मौजूदा और आने वाले अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों की झांकी होगी. इसमें नैटो के सुरक्षा बदलावों पर भी नज़र रखी जाएगी. अमेरिका का मिसाईल रोधी कार्यक्रम और महा विनाश के हथियारों का खात्मा जैसे मुद्दों को भी ध्यान में रखकर रूसी सुरक्षा परिषद अपने सिद्धांत को अमली जामा पहना रही है.

सुरक्षा परिषद के काम से अलग मेदवेदेव का बयान यूरोप और अमेरिका के साथ रूस के रिश्तों में नयी तल्खी को जन्म दे सकता है. रूस की एक छिपी मंशा भी शायद यही है कि मुलाकातों और कूटनीतिक आवाजाही के बीच उसका रौब नए अंतरराष्ट्रीय फलक पर क़ायम रहे.