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रिपब्लिकन पार्टी का हाथ पाकिस्तान के साथ

आरपी/एमजे (पीटीआई,रॉयटर्स)१९ जुलाई २०१६

पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के जखीरे को सुरक्षित रखने की चिंता अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के मैदान में भी दिख रही है. उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने इसे पाकिस्तान, अफगान और अमेरिकी "साझा हित" बताया है.

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Donald Trump mit Ehefrau Melania auf der Republican National Convention
तस्वीर: picture-alliance/abaca

अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों को "ऐतिहासिक" बताते हुए अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कहा है कि वे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाना चाहते हैं. पार्टी का कहना है कि कुछ अंतरराष्ट्रीय संकटों, खासकर मध्य-पूर्व में जारी संघर्षों के कारण दोनों देशों के रिश्तों पर बुरा असर पड़ा है.

घोषणापत्र में वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए लिखा है, "लेकिन जब तक पाकिस्तान का एक भी नागरिक आतंक के खिलाफ इस युद्ध में मदद करने के कारण सजा पाता रहेगा, तब तक यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती. इलाके से तालिबान को मिटाने और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को सुरक्षित रखने में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अमेरिका का साझा हित है."

पार्टी ने कहा कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति उन अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में विशेष काम करेगा जो पाकिस्तान के लोगों के लिए कई तरह की राजनैतिक और सैनिक चुनौतियां पेश कर रहे हैं. "किसी पाकिस्तानी नागरिक को सजा नहीं मिलेगी जो आतंकियों के खिलाफ लड़ने में अमेरिका की मदद करेगा." जिसका इशारा उस पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी को जेल में रखे जाने की ओर माना जा रहा है, जिसने आतंकवादी संगठन अल कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन को एबटाबाद में मार गिराने में सीआईए की मदद की थी.

क्लीवलैंड, ओहायो में चार दिनों के रिपब्लिकन पार्टी के कन्वेंशन के आखिरी दिन अरबपति डॉनल्ड ट्रंप को औपचारिक रूप से पार्टी का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा. सुरक्षा और गुप्तचर सेवाओं के इंतजाम के अलावा कन्वेंशन के आयोजन स्थल पर लोहे की दीवारें खड़ी की गई हैं.

दूसरी ओर, अमेरिका की फर्स्ट लेडी बनने की उम्मीदवार यानि मेलानिया ट्रंप के नेशनल कन्वेंशन में दिए भाषण पर विवाद हो रहा है. उनके भाषण और 2008 में वर्तमान फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा के भाषण में प्रथम दृष्टया कई समानताएं थीं. इसे लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है लेकिन अपने तमाम ट्विटर संदेशों में भी डॉनल्ड ट्रंप ने इसका कोई जिक्र नहीं किया और मेलानिया ट्रंप के भाषण पर "काफी गर्व" जताया.