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रिचर्ड ब्रैनसन का इंडियन कनेक्शन

ओंकार सिंह जनौटी
२३ फ़रवरी २०१८

ब्रिटिश कारोबारी रिचर्ड ब्रैनसन का भारत से खास नाता है. इस रिश्ते का पता ब्रैनसन को तब चला जब उन्होंने अपना डीएनए टेस्ट कराया.

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Großbritannien Richard Branson
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Leal-Olivas

किशोरावस्था में ही जोखिम लेकर कारोबार शुरू करने वाले रिचर्ड ब्रैनसन की गिनती आज दुनिया के शीर्ष अमीरों, निवेशकों और चोटी के दानदाताओं में होती है. लेकिन 67 साल के ब्रैनसन में ये कारोबारी गुण आए कहां से? कुछ साल पहले ब्रैनसन को यह जिज्ञासा सताने लगी. उन्होंने अपनी फैमिली हिस्ट्री टटोलनी शुरू की. इसके लिए डीएनए टेस्ट भी कराया और जो नतीजा आया, उससे ब्रैनसन भी चौंक गए. उनकी पीढ़ियों पुरानी एक परदादी भारतीय मूल की निकली.

अपने ब्लॉग में ब्रैनसन ने खुद यह जानकारी दी. ब्लॉग में ब्रैनसन ने कहा, "एक दिन मैं इतिहासकार और पत्रकार हेनरी लुइस जूनियर के साथ बैठा, अपनी जड़ों को जानने के लिए. मैं आपको बता दूं कि ये एक सुखद खोज की यात्रा थी, जिसमें मुझे पता चला कि मेरे चरित्र के कुछ खास गुण कहां से आते हैं, जैसे रोमांच, खोज और उद्यमिता से प्यार- ये मुझे पुरखों से मिले हैं."

ब्रैनसन ने आगे लिखा, "मेरे पिता के परिवार ने सुराग के तौर पर एक कागज छोड़ा था, जो 1700 के दशक में मद्रास, भारत तक जाता है. 1793 में मेरे तीसरे (थर्ड ग्रेट ग्रैंडफादर) दादा जॉन एडवर्ड ब्रैनसन ब्रिटेन से समुद्र के रास्ते भारत गए. छह महीने की दुश्वार यात्रा के बाद उनकी नाव केप ऑफ गुड होप का चक्कर काट हिंद महासागर में दाखिल हुई, वह दक्षिण पूर्व भारत पहुंचे- जो तेजी से बढ़ती ब्रिटिश हुकूमत का काराबोरी अड्डा था. वहां वह अपने पिता से मिले, मेरे चौथे ग्रेट ग्रैंडफादर, हैरी विल्किंस ब्रैनसन से और 1808 तक मेरे पुरखों की तीन पीढ़ियां मद्रास (जिसे अब चेन्नई के नाम से जाना जाता है) में रहने लगी."

ब्रैनसन के मुताबिक 10 साल के भीतर ही उनके पुरखे मद्रास में बेहद सफल कारोबारी बन गए, "इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह थी कि जब मैंने मद्रास की जानकारी को अपने डीएनए टेस्ट से जोड़ा तो बहुत ही चौंकाने वाला पारिवारिक रहस्य सामने आया. मेरी सेकेंड ग्रेट ग्रैंडमदर इलिजा रेड्डी के बैप्टिज्म रिकॉर्ड में उनकी मां का नाम नहीं था. मेरे डीएनए विश्लेषण ने इसका कारण बताते हुए कहा कि मेरी थर्ड ग्रेट ग्रैंडमदर भारतीय थीं. हां, यह पता चला कि मुझमें भारत का अंश भी है. जब मुझे यह पता चला तो मैं मुस्कुराता ही रहा. मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं."

इसके बाद ब्रैनसन के पुरखे 1861 में ऑस्ट्रेलिया चले गए. वहां 1867 में ब्रैनसन परिवार दीवालिया हो गया और वापस इंग्लैंड लौट आया. इसके बाद परिवार इंग्लैंड में ही रहा. 18 जुलाई 1950 को इसी परिवार में रिचर्ड ब्रैनसन का जन्म हुआ. बचपन में डिसलेक्सिया की बीमारी से पीड़ित ब्रैनसन पढ़ाई लिखाई में काफी कमजोर थे. 16 साल की उम्र में उन्होंने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी. स्कूल से विदा होते वक्त उनके हेड मास्टर ने ब्रैनसन से कहा, या तो तुम जेल जाओगे या फिर करोड़पति बनोगे.

स्कूल छोड़ने के बाद ब्रैनसन म्यूजिक रिकॉर्ड बेचने के काम में लग गए. इस दौरान वह स्टूडेंट नाम की मैगजीन के लिए भी मशहूर लोगों का इंटरव्यू करने लगे. एक बार मैगजीन में उन्होंने हिट गानों का विज्ञापन निकाला. यह बेहद हिट हुआ. इसके बाद तो ब्रैनसन ने वर्जिन नाम से रिकॉर्ड बेचने शुरू कर दिए. यहीं से ब्रैनसन और उनकी वर्जिन कंपनी का कारोबारी सफर शुरू हुआ. आज 400 से ज्यादा कंपनियां वर्जिन ग्रुप के तहत आती है और ब्रैनसन की गिनती दुनिया के प्रभावशाली कारोबारियों ने होती है.