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राजा के खिलाफ चार्जशीट इसी महीने

१६ मार्च २०११

दूरसंचार घोटाले में फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा के खिलाफ इसी महीने के अंत तक चार्जशीट पेश की जाएगी. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि राजा और दो टेलीकॉम कंपनियों के बाद कई अन्य लोगों की बारी आएगी.

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तस्वीर: AP

भारत के सबसे बड़े घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केस की चार्जशीट 31 मार्च तक पेश कर दी जाएगी. ए राजा को फरवरी में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया. यह तय है कि चार्जशीट में राजा के खिलाफ यह दो केस जरूर होंगे. राजा के अलावा दो कंपनियों के खिलाफ भी चार्जशीट पेश की जाएगी.

बुधवार को सीबीआई के वकील और सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल ने कहा, ''राजा और दो कंपनियों के खिलाफ 31 मार्च तक चार्जशीट पेश कर दी जाएगी. यह सिर्फ शुरुआत होगी. आगे कई लोगों और कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की जाएगी.'' यानी 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मामले में अब कई और लोगों और कंपनियों का फंसना तय सा है.

आरोपों के मुताबिक 2008 में हुए 2जी स्पेट्रम आवंटन में स्वान और यूनिटेक जैसी कंपनियों को मोबाइल नेटवर्क का लाइसेंस मिल गया. बाद में इन दोनों कंपनियों ने भारी मुनाफा कमाते हुए लाइसेंस के अधिकार विदेशी कंपनियों को बेच दिए. जांच में पता चला है कि आवंटन प्रक्रिया के दौरान भारी मात्रा में काला धन मॉरीशस से भारत आया.

Oberstes Gericht in Indien
तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

बहरहाल सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकारों और सख्त निगरानी के बाद अब करीब ढाई साल बाद मामले की सुनवाई शुरू होने जा रही है. सुनवाई एक विशेष अदालत में होगी. सरकार के मुताबिक सुनवाई के लिए 29 मार्च तक विशेष अदालत का भी गठन कर दिया जाएगा.

बुधवार को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में केस की स्टेटस रिपोर्ट पेश की. स्टेटस रिपोर्ट के अलावा जांच एजेंसी ने जस्टिस जीएस सांघवी और एके गांगुली की बेंच के सामने केस से जुड़े कई नए तथ्य भी पेश किए.

केंद्रीय महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम घोटाला 176 अरब रुपये का है. राजा के अलावा इसमें डीएमके सुप्रीमो और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करुणानिधि के परिवारजनों का भी नाम सामने आ रहा है. राजा पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को जानबूझकर लचीला बनाया ताकि कुछ खास कंपनियों को फायदा पहुंचे. लाइसेंस पाने वाली कई कंपनियां मोबाइल नेटवर्क खड़ा करने के लायक तक नहीं थी.

मामले में भारत के कुछ पत्रकारों के नाम भी सामने आए हैं. आरोप हैं कि पत्रकारों ने राजा को टेलीकॉम मंत्री बनाने के लिए लॉबीस्ट नीरा राडिया की मदद की. लेकिन अब तक पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा एम

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