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राजपक्षे ने संसद भंग की- चुनाव का ऐलान

९ फ़रवरी २०१०

श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने मंगलवार शाम को संसद भंग कर दी है और संसदीय चुनावों का ऐलान किया है. वैसे दो महीने बाद श्रीलंका में संसदीय चुनाव होते.

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तस्वीर: AP

संसद भंग करने का आदेश मंगलवार मध्यरात्रि से लागू होगा. महिंदा राजपक्षे राष्ट्रपति चुनावों में जीते थे. राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता लुसियन राजकरूणानायके ने कहा कि अब चुनाव आयोग तय करेगा कि संसदीय चुनाव किस दिन करवाए जाएंगे.

जनवरी में महिंदा राजपक्षे दोबारा राष्ट्रपति चुने गए थे. हालांकि पिछली संसद अप्रैल 2004 तक चल सकती थी लेकिन राजपक्षे राष्ट्रपति चुनावों की सफलता का लाभ पाने के लिए जल्द संसदीय चुनाव भी करवाना चाहते हैं.

संसद भंग करने के पहले श्रीलंका सरकार ने घोषणा की कि गिरफ़्तार किए गए पूर्व सैन्य प्रमुख सरथ फ़ोन्सेका का कोर्ट मार्शल करेगी. फ़ोन्सेका राष्ट्रपति चुनावों में राजपक्षे के मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे.

जब सोमवार रात उन्हें गिरफ़्तार किया गया उस समय वह अपने पार्टी सदस्यों से संसदीय चुनावों में खड़े होने के बारे में बातचीत कर रहे थे.

श्रीलंका की भंग संसद में राजपक्षे की पार्टी फ्रीडम अलायंस को बहुमत था. राजपक्षे ने उम्मीद जताई है कि नई संसद में उन्हें ज़्यादा सीटें मिलेंगी.

उधर श्रीलंका में पहले मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले देश नॉर्वे ने पूर्व आर्मी प्रमुख फ़ोन्सेका की गिरफ़्तारी पर चिंता जताई है. नॉर्वे के पर्यावरण और अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री एरिक सोलहाइम का कहना था कि इस बारे में को दो राय नहीं है कि इस कार्रवाई का दूरगामी असर होगा. ख़ासकर राजनीतिक स्थायित्व के मामले में. 30 साल से लिट्टे के ख़िलाफ़ चला आ रहा संघर्ष जिस समय श्रीलंका ने जीता था उस समय सैन्य प्रमुख सरथ फ़ोन्सेका थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः महेश झा