रहने दो, तुमसे ना हो पाएगा
फिल्मी परिवार में जन्म और अच्छे संपर्क बॉलीवुड में एंट्री आसान करते हैं. लेकिन अगर दर्शक ही अभिनेता या अभिनेत्री को उतना पसंद ना करें तो उन्हें अर्श से फर्श पर भी ले आते हैं. एक नजर ऐसे बेदम साबित हुए फिल्मी सितारों पर.
अभिषेक बच्चन
अभिषेक बच्चन ने जब बॉलीवुड में दस्तक दी तो दर्शकों को लगा कि वह अपने पिता अभिताभ बच्चन जैसी बेजोड़ अदाकारी करेंगे. लेकिन जल्द ही यह भ्रम टूट गया. एक के बाद एक फिल्में फ्लॉप होती गई. 50 से ज्यादा फिल्में करने वाले अभिषेक 'युवा' और 'गुरु' में ही असर दिखा पाए.
ट्विंकल खन्ना
मेगास्टार राजेश खन्ना व सुपर स्टार डिंपल कपाड़िया की बेटी ट्विंकल खन्ना 1995 में 'बरसात' फिल्म से बॉलीवुड में आईं. कई फिल्में करने के बाद भी वे दर्शकों के दिल में जगह नहीं बना सकीं. हालांकि अब एक लेखिका और कॉलमनिस्ट के तौर पर उन्हें खूब सराहा जाता है.
ईशा द्योल
धमेंद्र और हेमा मालिनी की बेटी ईशा द्योल भी फिल्म इंड्रस्टी में दाखिल तो हुईं लेकिन अपने अभिनय से दर्शकों को लुभा नहीं सकीं. 2002 में 'कोई मेरे दिल से पूछे' फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ नई अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली ईशा अब डांस नंबरों तक सीमित हो रही हैं.
तुषार कपूर
पूर्व सुपरस्टार जितेंद्र के बेटे तुषार कपूर के लिए भी बॉलीवुड का सफर हिचकोले भरा रहा. 2001 में "मुझे कुछ कहना है" से बॉलीवुड में दाखिल हुए तुषार अब ज्यादातर साइड रोल करते हैं. उनका निभाया गूंगे व्यक्ति का किरदार ही सबसे यादगार रहा है.
उदय चोपड़ा
दिग्गज फिल्म निर्माता यश चोपड़ा के बेटे और मशहूर डायरेक्टर आदित्य चोपड़ा के भाई उदय चोपड़ा हंसते हुए अदाकारी में दाखिल हुए और खामोशी से गायब भी हो गए. 2013 में वो आखिर बार 'धूम 3' फिल्म में दिखे, वो भी एक हल्के फुल्के किरदार में.
फरदीन खान
स्टाइल के लिए मशहूर अभिनेता फिरोज खान के बेटे फरदीन खान भी हवा के ताजे झोंके की तरह बॉलीवुड में दाखिल हुए. 1998 में उन्हें पहली फिल्म "प्रेम अगन" के लिए फिल्म फेयर भी दे दिया गया. लेकिन इसके बाद फरदीन के अभिनय की सीमा सामने आने लगी. अब वह कभी कभार सपोर्टिंग एक्टर के रूप में दिखते हैं.
जायद खान
फरदीन के चचेरे भाई और संजय खान के बेटे जायद खान भी धमाकेदार एंट्री के बावजूद दर्शकों के सामने फीके पड़ गए. 2009 के बाद उन्हें सिर्फ छह फिल्में मिलीं. इनमें से भी ज्यादातर फिल्मों में उन्हें साइड रोल ही मिला.
हरमन बावेजा
पिता हैरी बावेजा फिल्म डायरेक्टर, मां पम्मी बावेजा प्रोड्यूसर, इतने जबरदस्त कनेक्शन के बावजूद जनता जनार्दन ने हरमन बावेजा को बॉक्स ऑफिस से बाहर का रास्ता दिखा दिया. 2008 से 2014 तक उनकी छह फिल्में आईं और चली गईं.
तनिषा मुखर्जी
अपने जमाने की दिग्गज अदाकारा रही तनुजा की बेटी तनिषा मुखर्जी ने भी बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाई. तनिषा को लगा कि अपनी बड़ी बहन काजोल की तरह वो भी रुपहले पर्दे पर छाएंगी, लेकिन ऐसा हो न सका. फिल्मों में तो नहीं लेकिन टीवी रिएलिटी शो 'बिग बॉस' में जरूर वे लोगों को याद रहेंगी.
संजय कपूर
डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बोनी कपूर और सदाबहार अभिनेता अनिल कपूर के भाई संजय कपूर ने भी 1995 में हिन्दी सिनेमा जगत में कदम रखा. उन्होंने कई फिल्में भी कीं, लेकिन अपनी अदाकारी के जरिए वो टिकट खरीदने वाले दर्शकों को मोह नहीं पाए.
अर्जुन कपूर
बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर भी धीरे धीरे इस राह पर आते दिख रहे हैं. 2012 में इश्कजादे से बॉलीवुड में एंट्री करने वाले अर्जुन कपूर ना तो दर्शकों को रिझा पा रहे हैं, ना फिल्म समीक्षकों को. आलोचक कहते हैं कि वे किरदार में घुसने के बजाए किरदार को अर्जुन कपूर में घुसा देते हैं.
युक्ता मुखी
एक जमाना था जब मिस वर्ल्ड या मिस यूनिवर्स जीतने के बाद बॉलीवुड में पक्की एंट्री मिलती थी. सुष्मिता सेना, ऐश्वर्या राय, प्रियंका चोपड़ा ने ऐसे ही एंट्री ली. हालांकि इन्होंने अच्छे अभिनय के दम पर अपना जलवा कायम किया. लेकिन 1999 में मिस वर्ल्ड बनने वाली युक्ता मुखी अभिनय के लिहाज से नाकाम रहीं.