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रसिया राष्ट्रपति के कार्यकाल का पहला साल

प्रिया एसेलबोर्न६ मई २००८

फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी को सत्ता में आए एक साल पूरा हो गया. "स्पीडी सार्को," जैसा कि उन्हे बुलाया जाता है, देश को एकदम बदल देना चाहते थे. कई सुधार वे ज़रूर ला सके हैं, लेकिन, नागरिकों का दिल नहीं जीत पाए.

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फ़्रांस के राष्ट्रपति सार्कोज़ीतस्वीर: AP

कार्टूनिस्टों के लिए फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी हमेशा से एक चहेता चेहरा रहे हैं. लम्बी नाक और छोटे कद की वजह से ऊँची एड़ी वाले जूते पहनने की 53 साल के सार्कोज़ी की मजबूरी का न जाने कितनी बार मज़ाक उड़ाया गया है. सार्कोज़ी एक ऐसे व्यक्ति माने जाते हैं, जो बेहद महत्वाकांक्षी हैं और जिनके लिए राजनीति आत्म-प्रचार का मंच है. फ़्रांस के एक अख़बार की इस हफ़्ते हैडलाइन थी "हे भगवान- चार साल और!" क्योंकि फ़्रांस में राष्ट्रपति पांच साल के लिए चुना जाता है. पत्रकार फिलिप रेदे बताते हैं:

"फ़्रांस के नागरिक एक ऐसे राष्ट्रपति को पसंद करते हैं, जो उन्हे शांत कर सकता है. वह अपने राष्ट्रपति के ज़रिए खुद से प्यार करना चाहते हैं. लेकिन, सार्कोज़ी से वे प्यार नहीं कर पाते, इस लिए खुद से भी प्यार नहीं कर पा रहे हैं."

सार्कोज़ी, पत्रकार फिलिप रेदे के मुताबिक, अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की वजह से विवादास्पद बन गये हैं. वे ऐसे सुधार लाना चाहते थे कि लोगों का जीवन-स्तर और उनकी क्रय-शक्ति बढे़. शुरू में उन्होंने विदेश में काफ़ी इज़्जत भी पाई. उनकी और उनकी पूर्व पत्नी सेसिलिया की मध्यस्थता की वजह से लिबिया में क़ैद बुल्गारिया की नर्सों को रिहाई मिली थी. लेकिन, पिछले अक्टूबर में सेसिलिया से तालाक़ लेकर उन्होंने इसी फ़रवरी में फ़ैशन मॉडल और गायिका कार्ला ब्रूनी से अपनी तीसरी शादी रचा ली. अपने रसिक राष्ट्रपति को कार्ला के साथ खुलेआम गलबैयां डाले देख कर लोगों को अजीब लगता था. इसकी वजह से भी इस समय मतसर्वेक्षणों के अनुसार, 36 प्रतिशत लोग ही उनसे खुश हैं, जबकी राष्ट्रपति बनने के वक्त यह अनुपात 67 प्रतिशत था. ऐसे में सार्कोज़ी इतिहास में पिछले कई दशकों के सबसे कम लोकप्रीय राष्ट्रपतियों मं से एक हैं. वे इसी वजह से खबरों से दूर रहने और अपने सुधारों पर ज़ोर देने की कोशिश कर रहे हैं. पत्रकार फिलिप रेदे बताते हैं:

"मुझे उनके हावभाव से नहीं लगता है कि वे बदल गए हैं या अब ज़्यादा विनयी हो गए हैं. यह उनकी रणनीति है. वे पूर्व राष्ट्रपतियों शिराक या मितेरों की तरह शांत नहीं रह सकते, नित नयी हरकतों में ही जीते हैं."

सार्कोज़ी ने पहले साल के अपने प्रदर्शन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. सिर्फ़ यही कहा कि वे भविष्य में भी पूरी ईमानदारी से अपना काम जारी रखेंगे, देश को बदलने की कोशिश करेंगे और लोगों की इच्छा के आनुसार राष्ट्रपति की ज़िम्मेदारी निभाएंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि सार्कोज़ी ने कई क्षेत्रों में सफलता भी पाई है. उदाहरण के लिए, 7,5 प्रतिशत की बेरोज़गारी-दर इतनी कम है, जितनी बीस सालों से नहीं थी. लेकिन, इतने सारे सुधार एक साथ शुरू कर देने से लोगों की सहनशक्ति की सीमा पार हो चुकी है.