रणजीत सिंह का ऐतिहासिक बैट चोरी
५ जनवरी २०१०जामनगर के पैतृक महल से महाराजा रणजीत सिंह का बैट चोरी हो गया है. इसकी क़ीमत चार करोड़ रुपये है. यह बैट गुजरात के जामनगर में उनके महल में रखा हुआ था. पुलिस चोर की तलाश कर रही है.
गुजरात पुलिस का कहना है कि पिछले 15 दिन में कभी भी यह चोरी हुई हो सकती है.
चोरी तब सामने आई जब महल के सुरक्षाकर्मी ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी. सुरक्षाकर्मी ने रणजीत सिंह की मिल्कियत वाली ग़ायब हुई चीज़ों की जानकारी पुलिस को दी.
हालांकि किसने यह चोरी की होगी इसका कोई सुराग पुलिस को नहीं है. जांच के दौरान महल में पुलिस को खाने का सामान और पैकेट भी मिले हैं. इस कारण पुलिस का कहना है कि चोरी में तीन से चार लोग भी शामिल हो सकते हैं.
चोर कांच की खिड़की तोड़ कर बंगले में घुसे और कई चीज़ों की चोरी की इनमें अधिकतर रणजीत सिंह जी की मिल्कियत की चीज़ें थी.
पुलिस ने कहा कि चोरी की गई ऐतिहासिक वस्तुओं की क़ीमत चार करोड़ रुपये से ज़्यादा है. चोरी के बाद पैलेस को सील कर दिया गया है और जांच जारी है.
रणजी ट्रॉफ़ी उनके नाम
भारत की फ़र्स्ट क्लास क्रिकेट ट्रॉफ़ी रणजी उनके नाम पर है. इस चैंपियनशिप की शुरुआत जुलाई 1934 में क्रिकेट चैंपियनशिप ऑफ़ इंडिया के नाम से हुई थी. 1934-35 की पहली ट्रॉफ़ी महाराज ऑफ़ पटियाला ने दान की थी जिसे मुंबई ने जीता था.
इसके बाद से ही रणजी ट्रॉफ़ी में पांच ज़ोन की टीमें इसमें हिस्सा लेती थी अब इन्हें दो डिविज़न में इसे बांटा गया है एक सुपर लीग और प्लेट लीग. सुपर लीग में आठ और सात ऐसी दो हिस्सों में टीमें हैं जबकि प्लेट लीग के दो हिस्सों में छह छह टीमें होती हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः ओ सिंह