रक्तदान से डरें नहीं
१४ जून २०१०बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान करके दूसरों की जिंदगी में खुशियों के रंग भरने की कोशिश की. आमतौर से भ्रान्ति है कि रक्तदान करने से कमज़ोरी आ जाती है व एक यूनिट खून देने के बाद उतना खून बनने में बहुत वक़्त लगता है. ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है. सच तो यह है कि रक्तदान करने के बाद अधिक तेजी से रक्त बनता है और कुछ ही दिनों में रक्त शरीर में जमा हो जाता है.इसलिए हम सब रक्तदान करें और अपने रक्त को ऐसे लोगों की जान बचाने में लगा दें जो किसी का सहारा हैं. इस रक्तदान दिवस के अवसर पर यही उपयोगी संदेश समाज के प्रत्येक व्यक्ति को देने का प्रयास किया गया.
दूसरी ओर फुटबॉल वर्ल्ड कप 2010 के इस गरम मौसम में जर्मनी के पक्ष में एक कविता भी लिखी हैः
जीत लो जीत लो
जीत लो जीत लो मेरे प्रिय जर्मनी
फीफा विश्वकप फुटबाल 2010 का ख़िताब,
हम सभी करोड़ों भारतीयों व जर्मनों की
शुभकामनाएं हैं तुम्हारे लिए बेहिसाब.
एकजुट होकर व अपने बेहतर खेल से
तुम सारी विपक्षी टीमों को हरा दो,
तुम हो सबसे बेहतर सबसे सर्वश्रष्ठ
ये सारी दुनिया को दिखा दो.
"कुछ भी नहीं है असंभव" इस जीवन में
यह मूल मंत्र तुम सब अपना लो,
सबसे सुंदर सबसे आकर्षक फुटबॉल खेल दिखाकर
तुम सारी दुनिया को अपने खेल का दीवाना बना लो.
जीत लो जीत लो मेरे प्रिय जर्मनी
फीफा विश्वकप फुटबाल 2010 का ख़िताब
हम सभी करोड़ों भारतीयों व जर्मनों की
शुभकामनाएं हैं तुम्हारे लिए बेहिसाब.
रिपोर्टः विनोद चढ्डा
संपादनः आभा मोंढे