यूरोविजनः 24 गीतों में मुकाबला आज
१४ मई २०११बहुत सारे लोग यूरोविजन सॉन्ग कॉन्टेस्ट की आलोचना करते हैं लेकिन सब कहते हैं कि यह देखने लायक तो होता है. इसीलिए वक्त अच्छा हो या बुरा, दशकों से लोग यूरोविजन के पॉप गीतों पर झूमते आ रहे हैं. जर्मनी के शहर के डूसेलडोर्फ में होने वाला 56वां एडिशन भी कुछ अलग नहीं है.
पूरी दुनिया का शो
इस साल ब्रिटेन की ओर से हिस्सा लेने आए 27 साल के ली रेयान कहते हैं, "यह अद्भुत है. यह प्रतियोगिता यूरोप को जोड़ती है और सभी देशों को करीब लाती है. इसी के लिए मैं संगीत से जुड़ा."
अपने देश की दूसरी जीत की उम्मीद कर रही उक्रेन की मीका न्यूटन कहती हैं, "यह एक बड़ी छुट्टी साबित हुई. यूरोप में सबके लिए. इतने अच्छे गायक और इतने सुंदर गीत. यूरोविजन जैसा कुछ नहीं."
यूरोप के इस सबसे पंसदीदा और सबसे लंबे टीवी टीवी शो में से एक, यूरोविजन अब सिर्फ यूरोप में ही नहीं दिखाया जाता बल्कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मिस्र, हॉन्ग कॉन्ग, भारत, जॉर्डन, कोरिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका में भी लोग इसे देखते हैं.
कैसे होता है चुनाव
इस साल यूरोविजन में 43 देश शामिल हुए. लेकिन क्वॉलिफाइंग राउंड में 25 लोग बचे रहे. जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, स्पेन और इटली प्रतियोगिता में अपने आप क्वॉलिफाई कर जाते हैं. ऐसा नहीं है कि उनका संगीत बेहतर है. पिछली बार तो ब्रिटेन आखिरी नंबर पर आया है. लेकिन इन देशों को एंट्री इसलिए मिल जाती है क्योंकि ये प्रतियोगिता के खर्च का बड़ा हिस्सा अदा करते हैं.
एंट्री के बाद दर्शक और हर देश की ज्यूरी के सदस्य हर गीत पर वोट करते हैं. वे लोग गीतों को अपनी पसंद के हिसाब से अंक देते हैं. सबसे अच्छे गीत को 12 और सबसे खराब को जीरो.
विजेता का एलान आधी रात के करीब किया जाता है. उसी देश को अगले साल की प्रतियोगिता कराने का मौका भी मिलता है. इसीलिए इस साल यह प्रतियोगिता जर्मनी में हो रही है.
यूरोप में कई भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन ज्यादातर गायक अंग्रेजी में ही गाते हैं. अंग्रेजी गीत 22 बार जीत चुके हैं. फ्रेंच गीत 14 बार और डच और हिब्रू गीतों को तीन तीन बार खिताब मिला है. लेकिन दिलचस्प रूप से इस बार नॉर्वे की एंट्री अफ्रीकी भाषा स्वाहिली में है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन