1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

यूरोप में भी महिलाएं यौन उत्पीड़न से परेशान

१४ नवम्बर २०१७

भारत की राजधानी दिल्ली को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राजधानी माना गया है. पश्चिम में हालात भारत से भले ही बेहतर हों लेकिन महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित यहां भी नहीं हैं.

https://p.dw.com/p/2naej
Symbolbild sexuelle Belästigung im Büro
तस्वीर: picture alliance/Bildagentur-online/Begsteiger

यौन उत्पीड़न को कैसे परिभाषित किया जाए? कैसे मजाक की सीमा तय की जाए? सहकर्मचारी को अश्लील चुटकुला सुनाना यौन उत्पीड़न माना जाए या नहीं? इस तरह के सवाल रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं. दुनिया भर में इन पर चर्चा चल रही है. यूरोप में एक अध्ययन कर समझने की कोशिश की गयी कि किस देश में महिलाएं यौन उत्पीड़न को किस हद तक बर्दाश्त करती हैं. यूगोव नाम की संस्था ने सात देशों, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड और नॉर्वे में महिलाओं और पुरुषों से सवाल किये. सर्वे करने का मकसद यह भी समझना था कि किसी व्यवहार को महिला और पुरुष क्या अलग अलग तरीके से भी देखते हैं. और वाकई, कई मामलों में ऐसा पाया गया कि महिलाओं के लिए जो बात अभद्र और बर्दाश्त के बाहर थी, पुरुषों के लिए वह महज मजाक थी.

Infografik Umfrage Sexuelle Belästigung ENG

सर्वे में 8,500 लोगों से सवाल किये गये. मिसाल के तौर पर किसी पुरुष के सीटी बजाने को कैसे देखना चाहिए, किसी पार्टी में साथ नाचते वक्त पार्टनर को किस हद तक छूना जायज है. कुछ बातें तो साफ हैं. किसी महिला को जबरन पकड़ना, उसकी स्कर्ट के नीचे से तस्वीर लेना, उसके कूल्हे या जांघों को छूना, सेक्स की मांग करना यौन उत्पीड़न है और इस तरह के बर्ताव को महिलाएं अधिकतर दफ्तर में बर्दाश्त नहीं करतीं.

हालांकि जब अश्लील चुटकुलों के बारे में पूछा गया, तो जर्मनी में केवल एक तिहाई महिलाओं ने ही इसे उत्पीड़न से जोड़ कर देखा. जबकि ब्रिटेन में दो तिहाई महिलाएं किसी भी तरह की शारीरिक टिप्पणी को गलत मानती हैं. ब्रिटेन की अधिकतर महिलाओं ने माना कि पुरुषों का क्लीवेज की ओर देखना भी गलत है. वहीं फ्रांस में एक चौथाई महिलाएं आंख मारने को भी यौन उत्पीड़न मानती हैं. 

Infografik Sexuelle Belästigung Europa ENG

इसके अलावा यूरोपीय संघ के 28 देशों में हुए एक अन्य सर्वे में पाया गया कि हर दूसरी महिला के साथ कभी ना कभी यौन की घटना हुई है. स्वीडन में 81 फीसदी महिलाओं ने कहा कि 15 साल की उम्र के बाद से किसी ना किसी रूप में उनके साथ उत्पीड़न की घटना हुई है. डेनमार्क और फिनलैंड भी इसमें पीछे नहीं हैं.

वेरा कैर्न/आईबी